तालिबान हमले के बाद अफगान रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख का इस्तीफा

Update: 2017-04-24 16:03 GMT
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काबुल (एएफपी)। कुछ दिन पहले उत्तरी अफगानिस्तान में एक सैन्य अड्डे पर तालिबान के अब तक के सबसे घातक हमलों में से एक माने जा रहे हमले के बाद आज अफगान रक्षा मंत्री और उनके सेना प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है। इस हमले के बाद देश में अधिकारियों के इस्तीफे की मांगें उठने लगी थीं। प्रेजीडेंशियल पैलेस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।''

शुक्रवार को उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ के बाहर हुए हमले के बाद गुस्साए अफगानों ने मंत्री अब्दुल्ला हबीबी और सैन्य प्रमुख कदम शाह शाहीम और अन्य अधिकारियों के इस्तीफों की मांग की थी। सैनिकों की वर्दी पहने और आत्मघाती बम लगाए 10 बंदूकधारी सेना के ट्रकों में सवार होकर सैन्य अड्डे में दाखिल हो गए थे। इन्होंने मस्जिद और खाने के हॉल में निहत्थे सैनिकों पर करीब से गोलियां चला दीं। हमले में मरने वालों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है। अफगान अधिकारियों ने मरने या घायल होने वाले सैनिकों की संख्या को 100 से अधिक बताया है लेकिन सटीक संख्या नहीं बताई है। ये अधिकारी पूर्व में हो चुके ऐसे हमलों में हताहत हुए लोगों की संख्या घटाकर बताते रहे हैं।

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अमेरिका ने कहा है कि कम से कम 50 लोग मारे गए हैं और कुछ स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 130 के करीब है। यह हमला सत्ता से हटाए जाने के 15 साल बाद तालिबान की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। हमले से निपटने में सरकार की अयोग्यता के लिए कई अफगान लोगों ने सरकार की आलोचना की।

इससे पहले भी तालिबान कई घातक हमले बोल चुका है। इनमें से एक हमला काबुल के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर बोला गया था, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे। उस हमले में दो जनरलों समेत 12 सैन्य अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर बर्खास्त कर दिया गया था। अधिकारियों ने उस हमले में मरने वालों की संख्या 50 बताई थी लेकिन सुरक्षा सूत्रों और बचे हुए लोगों ने एएफपी को बताया कि हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे। सैन्य विश्लेषकों ने ऐसे हमलों में ‘खुफिया तंत्र की पूर्ण विफलता' को लेकर आलोचना की है और इनसे निपटने के लिए नई रणनीतियों का आह्वान किया है।

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