जानिए देश के सबसे लंबे पुल धौला-सादिया की खसियत

Update: 2017-05-26 13:17 GMT
ढोला-सदिया सेतु के उदघाटन के लिए आसोम के डिब्रूगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

डिब्रूगढ़ (आईएएनएस)। आज 26 मई 2017 है, आज के दिन मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सदिया सेतु का उद्घाटन किया, यह लोहित नदी के ऊपर बना है, जिसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला में और दूसरा छोर असम के सदिया में पड़ता है। देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सदिया पुल की क्या खासियत है इस बारे में जानिए।

  1. ढोला-सदिया पुल ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित के ऊपर बनाया गया है।
  2. यह 9.2 किलोमीटर लंबा पुल है।
  3. धौला-सादिया पुल का एक छोर अरूणाचल प्रदेश के ढोला में और दूसरा छोर असम के सदिया में पड़ता है। यह असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ेगी।
  4. पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और इस पर करीब 950 करोड़ रुपए की लागत आई।
  5. धौला-सादिया पुल रणनीतिक रूप से सैन्य उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 60-टन वजनी युद्ध टैंकों का भार वहन कर सकता है।
  6. सीमावर्ती राज्य अरणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टिलरी के त्वरित गमन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के आवागमन के हिसाब से डिजाइन किया गया है.
  7. इस नए पुल की मदद से सेना चीन की सीमाओं से सटे अरुणाचल प्रदेश में अधिक जल्दी व सुगमता से प्रवेश कर सकती है।
  8. यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 पर असम में रुपई और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर अरुणाचल प्रदेश में मेका या रोइंग के बीच बना है।

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