पशुओें की खरीद फरोख्त के नए नियमों में हटेगा ‘वध’ शब्द

Update: 2018-03-03 14:59 GMT
फोटो: विनय गुप्ता

केंद्र सरकार ने 23 मई, 2017 में पशु बाजारों में पशुओं की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं अब सरकार ने अपने फैसले को बदलने के लिए नियमों में बदलाव का प्रारूप तैयार किया है। पशुओं के लिए क्रूरता से बचाव (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 के नए संस्करण में 'वध' यानी बूचड़खाना शब्द को हटा दिया जाएगा।

ज्यादातर पशुपालक पशु बाजारों में अनावश्यक जानवरों को ले जाते हैं, जहां व्यापारी मवेशियों को खरीदते हैं। मगर पिछले एक साल में पशुओं की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंध के बाद मांस निर्यात व्यापार पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है।

एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, नए संस्करण में पशु बाजार में किसी भी बीमार या युवा जानवरों की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी भी जानवर को बाजार में बेचने के लिए नहीं ला सकता है जो गर्भवती है या फिर उसने बच्चे को जन्म दिया हो।

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पशुओं की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगने के बाद देश भर में इसका विरोध हुआ क्योंकि पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पशुओं की बाजार में खरीद-फरोख्त हो तो सकती थी, लेकिन इन्हें बूचड़खाने को नहीं बेचा जा सकता। इन अब सरकार इन नियमों के बदलाव पर विचार कर रही है।

पहले यह था प्रावधान

पर्यावरण मंत्रालय के प्रावधान के मुताबिक, बेचने के लिए पशु तभी बाजारों/मेलों में लाए जा सकेंगे, जब पशु का मालिक लिखित में घोषणा-पत्र देगा कि पशु को हत्या के लिए नहीं बेचा जा रहा है। घोषणा पत्र में पशु मालिक का नाम, पता, फोटो और पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो। उस पहचान के विवरण के साथ यह भी स्पष्ट करना था कि उसे बाजार में बिक्री के लिए लाने का उद्देश्य उसको मारना नहीं है। मगर अब पशु मालिकों को नए संस्करण के अनुसार ये विवरण पशु मालिकों को नहीं देना होगा।

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