यूपी में चुने जाएंगे छोटी संसद के 8 लाख 69 हजार 814 जनप्रतिनिधि

पंचायत चुनाव को छोटी संसद भी कहा जाता है। इसमें आम जनता यानि वोटर ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए मतदान करते हैं।

Update: 2021-03-04 07:15 GMT
आरक्षण लिस्ट जारी होते ही गांवों में भावी प्रत्याशी मतदाताओं को साधने में जुटे गये हैं। फोटो : गाँव कनेक्शन

लखनऊ/कन्नौज (उत्तर प्रदेश)। यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों के लिए अब तक अधिकारिक ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन अप्रैल में चार तरह के पदों का चुनाव सम्पन्न हो जाएगा। कोर्ट ने भी इस बाबत पूर्व में आदेश दिए थे। 20 मार्च के बाद कभी भी अधिसूचना जारी हो जाएगी।

पंचायत चुनाव को छोटी संसद भी कहा जाता है। इसमें आम जनता यानि वोटर ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए मतदान करते हैं। उसके बाद जो प्रत्याशी क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर विजयी होते हैं, वह अपने-अपने ब्लॉक का प्रमुख चुनते हैं।

निर्वाचक नामावली की अधिसूचना


जनता की ओर से जिला पंचायत सदस्य पद पर जीतने वाले प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनते हैं। इस बार सूबे में आठ लाख 69 हजार 814 जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे। इसमें 826 ब्लॉक प्रमुख और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष भी शामिल हैं। ग्रामीण वोटरों यानि आम जनता की ओर से आठ लाख 68 हजार 913 जनप्रतिनिधियों की ताजपोशी होगी।

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सूबे के पंचायती राज विभाग की ओर से जारी सूची में सात लाख 31 हजार 813 ग्राम पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्य, 58194 प्रधान और 3051 जिला पंचायत सदस्य पदों पर चुनाव होगा।

मार्च में समाप्त हो जाएगा ब्लॉक प्रमुख पदों का कार्यकाल

उत्तर प्रदेश में दिसम्बर 2020 में सभी प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। एडीओ को प्रशासक की जिम्मेदारी मिली है, जो चुनाव होने तक रहेगी। प्रधान के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद डीएम को प्रशासक की कमान सौंपी जा चुकी है। प्रधान के साथ ही ग्राम पंचायत सदस्यों का भी समय पूरा हो चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार की आरक्षण नीति 2021

अब ब्लॉक प्रमुखों का कार्यकाल बचा है, जो मार्च में खत्म हो जाएगा। कन्नौज में 18 मार्च को पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बीडीसी का भी उसी दौरान कार्यकाल समाप्त होगा। उसके बाद सम्बंधित एसडीएम के पास ब्लॉक प्रमुख के प्रशासक की जिम्मेदारी रहेगी। किसी भी पद पर शपथ ग्रहण वाले दिन से कार्यकाल शुरू होता है।

चार चरणों में होंगे पूरे सूबे में चुनाव

निर्वाचन आयोग ने अभी चुनाव के बाबत कोई अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन पूरे सूबे में चार चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। इस बार एक जिले में एक साथ सभी पदों पर एक ही दिन वोट होंगे। पहले एक-एक जिले को चार चरणों में बांटा जाता था। अप्रैल में 15 से 20 जिलों का चुनाव एक चरण में होगा। यूपी बोर्ड परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू हो रहीं हैं, उससे पहले मतदान हो जाएगा।

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