किसान आंदोलन: शंभू बॉर्डर पर पहुँचे किसान, पुलिस ने दागे आँसू गैस के गोले

किसान आंदोलन के लिए पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से किसान दिल्ली पहुँच रहे हैं। प्रशासन ने दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं। कई जगहों पर कांटों की तार और बैरिकेट्स भी लगाये गए हैं। राजधानी दिल्ली सहित पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लागू है।

Update: 2024-02-13 07:35 GMT

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से निकले हजारों किसानों का जत्था हरियाणा के शंभू बॉर्डर पहुँच गया है। इस बीच भारी संख्या में तैनात हरियाणा पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे हैं। 

'दिल्ली चलो मार्च' में लगभग 20 हजार किसान 2500 ट्रैक्टर्स से दिल्ली पहुँच सकते हैं। 'चलो दिल्ली मार्च' को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा देश के अलग -अलग हिस्सों से किसान संगठित हो रहे हैं। वहीं सरकार भी सुरक्षा और भीड़ को काबू करने के लिए अपनी तैयारी कर रही है।

केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम ने 12 फरवरी को देर रात तक किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में बातचीत की; खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित मंत्री चंडीगढ़ सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ दूसरे दौर की वार्ता हुई। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर सहित अन्य लोग बैठक का हिस्सा रहे।

दिल्ली कूच करने से पहले किसान संगठनों के नेता सरवन सिंह पंढेर समेत कई लोगों ने मीडिया से बात भी की। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "लगभग 5 घंटे तक हमारी मंत्रियों के साथ बैठक चली। हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा था लेकिन केंद्र सरकार किसी भी बात पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी। केंद्र सरकार हमें समय माँग रही है। उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय माँगा था, जब किसान आंदोलन खत्म हुआ था। अगर कोई ठोस प्रस्ताव होता तो हम समय देने के बारे में सोचते लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है। हमने उनसे कहा कि सरकार ऐलान कर दे कि वे एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून बनाएंगे, लेकिन इसपर भी सहमति नहीं बनी।"

क्या हैं किसानों की माँगें?

1) पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किये जाये।

2) किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्ज मुक्ति करी जाये।

3) भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में पुनः लागू किया जाए एवं भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं मार्किट रेट से 4 गुना मुआवज़ा देने के प्रावधान लागू किये जायें।

4) लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सज़ा एवं पीड़ित किसानों को न्याय दिया जाए।

5) भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आये एवं सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।

6) किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दी जाए।

7) दिल्ली आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मुआवजा एवं परिवार के 1 सदस्य को नौकरी दी जाए।

8) विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।

9) मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए और मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए।

10) नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना लगाने के प्रावधान तय किये जायें और बीजों की गुणवत्ता में सुधार किये जाएँ।

11) मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।

12) संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए और जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित कर के कम्पनियों द्वारा आदिवासियों की ज़मीन की जुट बन्द करी जाए।

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