आप भी करना चाहते हैं बागवानी, यहां ले सकते हैं प्रशिक्षण

Update: 2018-02-14 15:48 GMT
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान युवाओं को दे रहा प्रशिक्षण

पहले माली एक परंपरागत पेशा हुआ करता था, लेकिन केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान अब युवाओं को ट्रेंड गार्डनर का प्रशिक्षण देकर उन्हें सरकारी रोजगार देने का काम कर रहा है, इसके लिए देशभर के युवा आवेदन कर सकते हैं।

लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान युवाओं के लिए न केवल सरकारी नौकरियों के लायक तैयार कर रहा है, बल्कि उनके लिए स्वरोजगार के रास्ते भी खोल रहा है। केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की इसी खूबी के चलते अब देशभर से युवा यहां गार्डनर (माली) का प्रशिक्षण लेने के लिए आवदेन कर रहे हैं।

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केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन बताते हैं, "पिछले वर्ष लगभग 70 लोगों को गार्डनर का प्रशिक्षण दिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट पास बेरोजगार युवाओं को बागवानी से जोड़ना था।"

बागवानी का प्रशिक्षण लेने आएए प्रशिक्षार्थी

पिछले वर्ष कुछ बैच चलाए गए थे। इसमें पश्चिमी उप्र से लेकर पूर्वांचल तक के युवाओं के आवेदन आए थे। कुछ आवेदन महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से भी आए थे।
डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ

एक समय था जब माली का काम एक परंपरागत पेशा बना हुआ था, लेकिन समय बदलने के साथ ही आधुनिक गार्डनर को भी नर्सरी में पौधों की देखभाल करने का हुनर आना चाहिए। गार्डनर का प्रशिक्षण लेने के बाद युवाओं को सरकारी विभागों के साथ ही प्राइवेट संस्थानों में भी नौकरियां मिल रही हैं। केंद्र सरकार की ओर से सिश को कृषि कौशल विकास मिशन के तहत 200 लोगों को प्रशिक्षण देने को कहा गया था। इसके बाद सिश की ओर से 50 50 के दो बैच तैयार कर इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। केंद्र सरकार ने न केवल इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, बल्कि संस्थान को आगे भी इस तरह के कार्यक्रम जारी रखने का कहा गया।

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उन्होंने बताया, "इसके लिए शैक्षिक योग्यता तो महज हाईस्कूल है, लेकिन इसमें एमएससी और पीएचडी धारकों ने भी आवेदन किया था। कई ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया जो बागवानी को उद्यम के तौर पर अपनाना चाहते हैं। हालांकि ऐसे लोगों के लिए हमारे पास उद्यमिता से जुड़े दूसरे कार्यक्रम भी हैं। इसीलिए हम उन्हें उसमें आवेदन करने का सुझाव देते हैं। हमारा प्रयास है कि गार्डनर प्रशिक्षण में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट पास युवाओं को ही शामिल करने का होता है, ताकि स्वरोजगार एवं सरकारी दोनों का उनका मकसद पूरा हो सके।"

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सिश में दिए जा रहे प्रशिक्षण में युवाओं को आम, अमरूद और फूलों की खेती करने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए खासतौर से कई विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को बाहर से बुलाया जाता है। 50-50 युवाओं का बैच चलाया जाता है और यदि आवेदन अधिक आते हैं तो युवाओं को अगले बैच में शामिल कराकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। इसके बाद उनकी परीक्षा भी ली जाती है। इसके बाद उन्हें कृषि विकास कौशल परिषद की ओर से एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ

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ऐसे कर सकते हैं आवेदन

संस्थान इसी महीने से नया बैच शुरू करने जा रहा है। इसके लिए संस्थान की तरफ से जारी ईमेल आईडी kaushal.vikas.cish@gmail पर आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक अभ्यर्थी एक हफ्ते में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। डॉ. राजन ने बताया कि 50-50 के कई बैच लगातार चलने हैं। ऐसे में आवेदन ज्यादा जाते हैं तो बचे हुए युवाओं को हम अगले बैच में शामिल कर लेंगे। एक बैच लगभग 27 दिन का होगा। उसके बाद परीक्षा ली जाएगी और कृषि कौशल विकास परिषद से प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यह सर्टिफिकेट सरकारी नौकरियों में भी लाभ पहुंचाएगा।

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