सरकार 10 हजार नये एफपीओ रजिस्टर करने की तैयारी में, कॉपरेटिव खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य

Update: 2020-02-28 13:43 GMT

सरकार देश में कॉपरेटिव खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 नये कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) रजिस्टर करने की योजना बना रही है। यही नहीं, प्रत्येक एफपीओ को खेती-किसानी संबंधी कामों के लिए 15 लाख रुपए भी दिये जायेंगे। इसमें कृषि बुवाई, कटाई से लेकर मार्केटिंग तक के काम शामिल रहेंगे।

गुरुवार 27 फरवरी को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की हुई 91वीं वार्षिक बैठक में ये बात कही। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी के बारे में भी बात की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। किसानों का उत्पादन, खेत की उत्पादकता और उन्हें उत्पादन का उचित मूल्य मिले, इन सबमें आईसीएआर भूमिका सबसे अहम है।"

आगे उन्होंने ने कहा कि बजट में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हमने जो लक्ष्य निर्धारित किये हैं उन्हें हासिल करने के लिए मंत्रालय और वैज्ञानिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने अपने संबोधन में कहा कि कुपोषण पर काबू पाना भारत के लिए अभी भी चुनौती है। उन्होंने जैविक खेती पर जोर दिया। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में आईसीएआर के योगदान की प्रशंसा की। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने वर्ष 2019-20 के दौरान आईसीएआर की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

इससे पहले 19 फरवरी 2020 को सरकार ने 10 हजार नये एफपीओ के लिए 4,500 करोड़ रुपए के बलट का ऐलान किया था। बजट पास करते समय सरकार ने कहा था कि वर्ष 2024, 2025 से वर्ष 2027-28 के दौरान इन एफपीओ की सहायता के लिए 2,369 करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है।

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