शर्मनाक : 38 दिन से कर्जमाफी की मांग कर रहे किसानों ने देश की राजधानी में पिया मूत्र

Update: 2017-04-22 13:54 GMT
मूत्र पीते तमिलनाडु के किसान।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर करीब एक महीने से ज्यादा वक्त से अपनी कर्जमाफी की मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने आज मूत्र पिया। इतना ही किसानों ने फैसला किया है कि किसानों का कहना है कि वो रविवार को मल खाने पर भी मजबूर हो जाएंगे।

प्रदर्शन का अलग अंदाज।

बता दें कि तमिलनाडु के किसान बीते 38 दिनों से उन्हें वित्तीय सहायता देने और कर्जमाफी की मांग के लिए धरने पर बैठे हैं। अब उन्होंने जंतर मंतर पर प्लास्टिक की बोतलों में पेशाब रख कर बैठे हैं और सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि तमिलनाडु में ई पलानीसामी की सरकार ने 2 हजार 247 करोड़ रुपए का सूखा राहत पैकेज देने की बात कही हालांकि किसान इसे कम मान रहे हैं।

किसान प्रदर्शन।

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दरअसल, तमिलाडु के किसान इसलिए बदहाल हैं क्योंकि उत्तर पूर्वी मानसून में बारिश की कमी है। यहां बीते साल अक्टूबर से दिसंबर तक हुई बारिश में 140 मिलीमीट की कमी रिकॉर्ड दर्ज की गई है। आंकड़ों की मानें तो यहां इतनी कम बारिश इससे पहले साल 1876 में हुई थी।

विरोध प्रदर्शन।

32 जिले सूखाग्रस्त

इतना ही नहीं राज्य के सभी 32 जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया है। किसानों से जुड़ी एक संस्था के अनुसार साल 2016 से अब तक 250 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि सिर्फ कावेरी डेल्टा के 8,000 एकड़ की फसलें खराब मानसून के चलते चौपट हो गई हैं। बता दें कि साल 2015 में यहां 600 से अधिक किसानों ने मौत को गले लगाया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक साल 2011 से 2015 तक तमिलनाडु में 2,728 किसानों ने आत्महत्या की।

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इससे पहले भी कई तरह के अजीबो-गरीब कर चुके है प्रदर्शन

इससे पहले इन किसानों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान अर्धनग्न हुए, साड़ी पहनी, जिंदा चूहा खाया, मरे हुए सांप को मुंह में दबाया, घास खाया और नर की खोपड़ी गले में डालकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।

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