जीएसटी विधेयक उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश, सरकार ने जल्द पारित होने की जतायी उम्मीद
लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज राज्य जीएसटी विधेयक पेश किया गया। भाजपा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बनने के बाद यह पहला सत्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) विधेयक सदन में पेश किया। उन्होंने जीएसटी को देश के आर्थिक सुधारों की दिशा में ‘हितकारी' कदम बताया। इससे पहले राज्यपाल राम नाईक ने विधान मंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। यह सत्र विशेष रूप से जीएसटी विधेयक पारित कराने के मकसद से ही शुरू किया गया है। केंद्र सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का इरादा बना चुकी है।
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विपक्ष के आरोपों के बीच सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद जीएसटी को लेकर एक कार्यशाला हुई, जिसमें विधायकों को प्रस्तावित जीएसटी कानून के बारे में जानकारी दी गयी। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने दो मई को जीएसटी को राज्य में लागू करने को लेकर एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी। कार्यशाला में योगी ने कहा कि जीएसटी केवल व्यापारियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए आर्थिक सुधारों की दिशा में ‘हितकारी' कदम है।
योगी ने कहा, ‘वन नेशन वन टैक्स' पूरे देश और प्रदेश के हित में है। अब जीएसटी पारित करने की जिम्मेदारी विधानसभा की है।' उन्होंने कहा कि जीएसटी को पूरे देश में व्यापक समर्थन मिल रहा है और आठ राज्यों में यह पारित हो चुका है। अब जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश की है और इस विधानसभा सत्र में इसे यहां भी पारित हो किया जा सकेगा।
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विधेयक के पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां पहले ही यह विधेयक पारित हो चुका है। राज्य सरकार को यकीन है कि जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश का कर राजस्व बढ़ेगा। मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस बारे में अपना मत स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य का राजस्व बढने की उम्मीद है।''
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