गुजरात: सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे मजदूर, दम घुटने 7 की मौत

गुजरात के वड़ोदरा में सेप्टिक टैंक साफ़ करने उतरे 7 लोगों की मौत दम घुटने से हो गई है। मरने वाले सात लोगों में सफाई कर्मचारी के साथ होटल कर्मचारी भी शामिल है। इस घटना के जिम्मेदार होटल के मालिक को बताया गया है।

Update: 2019-06-15 13:44 GMT

लखनऊ। गुजरात के वड़ोदरा में सेप्टिक टैंक साफ़ करने उतरे 7 लोगों की मौत दम घुटने से हो गई है। मरने वाले सात लोगों में सफाई कर्मचारी के साथ होटल कर्मचारी भी शामिल है। इस घटना के जिम्मेदार होटल के मालिक को बताया गया है। कहा जा रहा है कि होटल के मालिक की लापरवाही की वजह से इस तरह की घटना घटी।पुलिस के मुताबिक 7 लोगों में तीन सफाई कर्मचारी एक ड्राईवर, तीन होटल होटल कर्मचारी शामिल हैं।सभी के शवों को बरामद कर लिया गया है।

1993 से सीवर में उतरने से गुजरात में 122 लोगों की हुई मौत

नेशनल सफ़ाई कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 1993 से 2018 तक गुजरात में सीवर में उतरने के कारण 122 लोगों की मौत हो चुकी है। सीवर में उतरकर मरने वालों में गुजरात दूसरे नंबर पर है। भारत में सफाई कर्मचारियों की सीवर में उतरकर मरने वालों की संख्या लगभग 676 है, जबकि तमिलनाडू में लगभग 194 मौतें हुई हैं।

मरने वालों में विजय चौधरी और सहदेव वसावा सूरत के उमरपाड़ा तालुका के रहने वाले हैं जबकि अजयभाई वसावा नेत्रंग तालुका के रहने वाले हैं ये सभी होटल के कर्मचारी थे। महेश पाटनवाडिया, अशोक हरिजन, हितेश हरिजन और महेश हरिजन एक ही गांव थुवावी के रहने वाले हैं।

जिग्नेश मेवानी ने सरकार पर साधा निशाना

जिग्नेश मेवानी(विधायक) ने अपने एक ट्वीट में कहा है "सरकार मूर्ति बनाने में तीन हज़ार करोड़ रुपए ख़र्च कर सकती है, लेकिन सफ़ाई कर्मचारियों को गटर में न उतरना पड़े या मैला न ढोना पड़े उसके लिए मशीनरी में निवेश नहीं कर रही है।"

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गुजरात सरकार ने आर्थिक मदद देने का दिया भरोसा

सीवर में उतरे लोगों की मौत गैस के कारण दम घुटने से हुई है। किस गैस से मौत हुई है इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। सात लोगों की लाशें बरामद हो चुकीं हैं। गुजरात सरकार ने मारे गए सात लोगों को 4 लाख रूपए आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया है।   

(इनपुट- एनआई)

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