उच्च न्यायालय ने निकाय संस्थाओं से कहा: मानसून से पहले हर नाली की कराएं सफाई

Update: 2017-05-05 05:11 GMT
दिल्ली उच्च न्यायालय।

नई दिल्ली (भाषा)। मानसून के दौरान सड़कों पर पानी भरने के लिए जवाबदेही तय करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने निकाय संस्थाओं से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके नियंत्रण में आने वाली हर नाली साफ हो ताकि बरसात के दौरान उनमें से पानी बाहर की ओर ना आने लगे।

न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट और न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि हर नाली का निरीक्षण हो और निकाय संस्था के मंडलीय या कार्यकारी इंजीनियर यह प्रमाणित करें कि नाली पूरी तरह साफ हो।

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अदालत ने कहा कि इंजीनियरों को यह भी प्रमाणित करना होगा कि मानसून के दौरान नाली का पानी बाहर ना आए और यदि ऐसा होता है तो हमें यह पता होगा कि इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराना है। पीठ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग तथा निकाय संस्थाओं को नालियों को साफ करना होगा।

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि शहर की सडकें, सीवर और नालियां अच्छी हालत में रहें यह सुनिश्चित करने के लिए उप राज्यपाल ने एक समन्वय समिति का गठन किया है।

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