नीतीश का फैसला-खुले में शौच करने वालों की फोटो क्लिक करेंगे बिहार के स्कूल टीचर
लखनऊ।बिहार के शिक्षकों के लिए नया चौंकाने वाला आदेश जारी किया गया है।मिली जानकारी के मुताबिक, सूबे के सभी ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) की तरफ से जारी नए आदेश के अनुसार अब शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ खुले में शौच करने वालों लोगों की भी निगरानी करेंगे।इतना ही नहीं, खुले में शौच करने वालों के साथ शिक्षकों को सेल्फी लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि हर दिन सुबह और शाम को शिक्षकों को निगरानी करनी होगी।इस काम में स्कूल के प्रधानाचार्यों को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंचायत स्तर पर खुले में शौच रोकने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।बीईओ की ओर से जारी आदेश के तहत शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे सुबह 6 से 7 बजे और शाम 5 से 6 बजे रोजाना खुले में शौच जाने वाले लोगों पर निगरानी रखेंगे।जो लोग उन्हें खुले में शौच करते मिलेंगे, शिक्षक उनके साथ सेल्फी लेंगे और अधिकारियों को भेजेंगे। बीईओ के इस आदेश से शिक्षकों में काफी आक्रोश है।शिक्षकों को इस काम की निगरानी सौंपे जाने के सरकारी फरमान पर अब सवाल उठने लगे हैं।
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#Bihar: Block Education Officer orders High School teachers to keep an eye on open defecation at 5 am & 4 pm, click selfie with defaulters. Principals appointed as supervisor.
— ANI (@ANI) November 21, 2017
सरकार के फैसले की आलोचना
माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शौच अभियान में शिक्षकों को शामिल करना पागलपन है और शिक्षकों के पद का अपमान है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अपने घिनौने फरमान को तुरंत वापस ले, क्योंकि वे शिक्षकों को ये काम कभी नहीं करने देंगे। शिक्षक संघ फरमान को वापस लेने के लिए सीएम को पत्र लिखेगा।
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शिक्षकों के जिम्मे हैं 30 तरह के काम
इस जिम्मेवारी के पहले ही पढ़ाई के साथ-साथ 30 अलग-अलग तरह के काम बिहार के शिक्षकों को मिला हुआ है। इनमें चुनाव कराने से लेकर वोटर लिस्ट बनाने और जनगणना जैसे काम हैं।