प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम के लिए ऐसे करें दावा, 31 जुलाई है बीमा कराने की आखिरी तारीख
लखनऊ। खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल को बीमित कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। धान समेत कई फसलों का योजना के तहत बीमा किया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों ने अपील की है कि वो 31 जुलाई तक इस सीजन के लिए अपनी फसलों का बीमा करा लें। इसके साथ उन्होंने किसानों को ये भी बताया है कि अगर फसल खराब होती है तो उन्हें क्षतिपूर्ति के लिए किस तरह दावा करना है।
ये वो शर्तें और कागजी कार्रवाई है जिन्हें पूरा करना किसानों के लिए जरुरी है।
1.-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्थानीय आपदाओं जैसे ओला पड़ने, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग से नुकसान होने पर खेतवार नुकसान का आकलन कर भुगतान किया जाता है।
2.-फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी हुई फसल को 14 दिन के भीतर ओलावृष्टि, चक्रवात और बेमौसम बरसात से नुकसान होने पर भी खेतवार आकलन करके भुगतान करने का प्रावधान किया गया है।
3.-बीमित फसल की खराब मौसम के कारण बुआई न कर पाने पर भी बीमा मूल्य राशि का 25 फीसदी तक अतिशीघ्र बीमा दावा भुगतान का प्रावधान किया गया है।
4-किसानों को अंतिम दावों का भुगतान राज्य सरकार द्वारा फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर निर्धारित उपज आंकड़े पर की जाती है।
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इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का लाभ देश के हर किसान को मिलेगा। भारत सरकार इस फैसले को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन नई योजना के तहत कुछ लोगों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
8 जून को इस फैसले को अधिसूचित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों लाभार्थियों की पहचान करने को कहा था। राज्यों को यह भी पहचान करनी होगी कि कौन से लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं।
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इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं मिल सकेगा उनमें संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य/केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री-किसान योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले अनुमानत: रूप से 12.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष (तीन बराबर किस्तों में) 6,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।