तत्काल टिकट में धांधली को लेकर बुधवार को सीबीआई ने सॅाफ्टवेयर प्रोग्रामर को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के मुताबिक एजेंसी के सहायक प्रोग्रामर अजय गर्ग और उसके मुख्य सहयोगी अनिल गुप्ता को सॉफ्टवेयर विकसित कर रुपये की एवज में साफ्टवेयर बांटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एजेंट इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर तत्काल टिकट करते और यात्रियों से अच्छी खासी कमीशन वसूलते थे। खास बात ये है कि टिकट बुकिंग करने वाले एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में नहीं पता होता था।
सीबीआई के मुताबिक अजय गर्ग 2007 से 2011 तक IRCTC में काम करता था। इस दौरान उसने साइट की कमजोरियों को पहचाना और एक सॉफ्टवेयर बनाया। इस सॉफ्टवेयर के जरिए पल भर में तत्काल टिकट हो जाता था, जबकि आम यात्रियों को लंबी लाइनों में लगने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाता था। टिकट में धांधली का ये कारोबार पिछले एक साल से जारी था।
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लंबे समय से हो रही थी जांच
सीबीआई लंबे वक्त से मामले की जांच कर रही थी। पुख्ता सूचना मिलने के बाद सीबीआई ने 14 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीबीआई ने पूरे गिरोह का भांडफोड़ करते हुए अजय गर्ग और उसके करीबी अनिल को गिरफ्तार कर लिया है।
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सीबीआई की टीम को अजय के ठिकानों से 19 पेन ड्राइव, चार डोंगल, 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये सोने की ज्वेलरी, 15 हार्डडिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, छह रॉउटर बरामद हुए हैं। फिलहाल साकेत की विशेष अदालत ने अजय को पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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