सरकारी सुविधाओं के अभाव में बंद हो रहे मध्य प्रदेश के उद्योग धंधे

मध्य प्रदेश की बंद पड़ी मिलें और कल कारखाने केवल चुनावी मुद्दा बनते हैं, लेकिन उन पर कोई काम नहीं होता। सरकार द्यारा कारखानों और मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाएं कम होती गई, जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां की ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हो गईं।

Update: 2018-11-26 09:37 GMT

वीडियो-सुयश शादीजा

ग्वालियर। आजादी के बाद से ही आम आदमी और मजदूरों की उपेक्षा होती आ रही है, लेकिन सियासत की रोटियां भी इन्हीं के बूते सिंकती रही हैं। मध्य प्रदेश की बंद पड़ी मिलें और कल कारखाने केवल चुनावी मुद्दा बनते हैं, लेकिन उन पर कोई काम नहीं होता। सरकार द्यारा कारखानों और मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाएं कम होती गई, जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां की ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हो गईं।

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मध्य प्रदेश चुनावों को लेकर जारी 'गाँव कनेक्शन' की यात्रा जब ग्लवालियर के औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर पहुंची तो यहां की ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां बंद नजर आईं। इस बारे में मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कामर्स और इंडस्ट्री के सचिव डॉक्टर प्रवीण अग्रवाल का कहना है, " लालफीताशाही की समस्या से ग्वालियर के औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर के अधिकतर उद्योग धंधे बंद हो गए। औद्योगिक क्षेत्र में दर्जनों उद्योग इकाइयां बंद हो गयी हैं। और जो हैं भी वह बंद होने के कगार पर हैं। वजह अब इस क्षेत्र में उद्यमियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं।" 

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