5 स्टार रैंक तक पहुंचने वाले भारतीय वायुसेना के इकलौते मार्शल अर्जन सिंह के बारे में जानें ये 10 बातें

Update: 2017-09-17 11:02 GMT
मार्शल अर्जन सिंह

लखनऊ। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ मार्शल अर्जन सिंह का आज निधन हो गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। भले ही मार्शल अर्जन सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन लेकिन उनके बहादुरी के किस्से हमेशा देश और भारतीय वायुसेना की शान बढ़ाते रहेंगे। इन 10 प्वाइंट्स में जानिए उनके बारे में...

1. 15 अप्रैल 1919 को फैसलाबाद, पाकिस्तान में मार्शल अर्जन सिंह का जन्म हुआ था।

2. जब वह 19 साल के (1938 में) थे तब उनका चयन पायलट ट्रेनिंग के लिए हुआ था।

3. 1945 में उन्हें कोर्ट मार्शल का सामना भी करना पड़ा था क्योंकि केरल के एक घर के ऊपर बहुत नीची उड़ान भरी थी। इसके बाद उन्होंने ये कहते हुए अपना बचाव किया कि उन्होंने ट्रेनिंग पायलट का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसा किया।

4. 15 अगस्त 1947 यानि पहले स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें दिल्ली के लाल किले के ऊपर से 100 आईएएफ एयरक्राफ्ट्स के फ्लाई-पास्ट का नेतृत्व करने का मौका मिला।

5. अर्जन सिंह 5 स्टार रैंक तक पहुंचे भारतीय वायुसेना के इकलौते मार्शल थे।

6. अपने पूरे करियर में उन्होंने 60 अलग अलग तरह के विमान उड़ाए थे।

7. 14 अप्रैल 2016 को उनके 97वें जन्मदिन पर या घोषणा की गई थी कि वायु सेना स्टेशन अब अर्जन सिंह स्टेशन कहलाएगा।

8. उन्होंने 1969 में 50 साल की उम्र में अपनी सेवाओं से सेवानिवृत्ति ली। 1971 में (उनकी सेवानिवृत्ति के बाद) उन्हें स्विट्जरलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया था। वे दिसंबर 1989 से दिसंबर 1990 तक दिल्ली के उपराज्यपाल भी रहे।

9. 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया। 1965 की जंग में उनके योगदान के लिए भारत ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा था।

10. उन्होंने दिल्ली के पास अपने फार्म को बेचकर 2 करोड़ रुपए ट्रस्ट को दे दिए थे। ये ट्रस्ट सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मियों के कल्याण के लिए बनाया गया था।

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