लखीमपुर खीरी हिंसा पर आप नेता व राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी

लखीमपुर हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई है, इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर भी हैं। आम आदमी पार्टी नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी को चिट्टी लिखी है।

Update: 2021-10-05 11:58 GMT

श्री नरेंद्र मोदी जी

प्रधानमंत्री

भारत सरकार

माननीय प्रधानमंत्री जी,

समाचार माध्यमों से पता चला है कि आप 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए हैं। आपका यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ लोग अकल्पनीय दुख, सदमे और शोक में डूबे हुए हैं। यहां सत्ता के नशे में डूबे आपके मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी से छह निर्दोष किसानों की रौंदकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।

दुनिया के सबसे आतताई तानाशाहों के शासन काल के अध्ययन में भी किसी सरकार द्वारा अपनी जनता पर ऐसे क्रूर अत्याचार और हत्याओं का कोई ब्योरा ढूंढने से भी नहीं मिलता। सारा देश और खासकर उत्तर प्रदेश शोक और सदमें गहरा डूबा हुआ है। निर्दोष जनता पर सरकार द्वारा ऐसे अकल्पनीय अत्याचार के बाद कैसा महोत्सव मनाने उत्तर प्रदेश आ रहे हैं? आजादी का अमृत महोत्सव मनाने आप आ रहे हैं उसमें आप किस आजादी के बात करेंगे, जबकि आपके सामने प्रत्यक्ष प्रमाण है कि सरकार अपनी जनता पर ऐसा क्रूर अत्याचार कर रही है जैसा कि अंग्रेजों की गुलामी के दौरान भी नहीं हुआ है? यह अमृत महोत्सव ऐसे किस अमृत की वर्षा कर रहा है, जिसमें देश के अन्नदाता की रौंदी हुई लाशें सड़कों पर बिछी हैं और गांवों में मौत का सन्नाटा फैला हुआ है? जिस जनता ने वोट डालकर आपको अपना प्रधानमंत्री चुना उसके साथ ऐसे भयानक अन्याय और अत्याचार के समय आप कैसे कोई महोत्सव का आयोजन कर सकते हैं?

देश का संविधान का अनुच्छेद 75 (3) यह कहता है कि आप का मंत्री परिषद सामूहिक रूप से संसद के जरिए इस देश की जनता का जवाबदेह होगा। आपके गृह राज्य मंत्री, जिसका संवैधानिक और लोकतांत्रिक दायित्व इस देश के लोगों की सुरक्षा करना है, यह 5 दिन पहले किसानों को सरेआम धमकी देता है और 5 दिन बाद उसकी कार निर्दोष किसानों को रौंदती हुई उनके सीने के ऊपर से गुजर जाती है और पीछे रह जाती है खून से लथपथ निर्दोष किसानों की लाशें और सड़कों पर बहता हुआ खून। यह कैसे संवैधानिक और लोकतांत्रिक दायित्व का निर्वहन है?

माननीय प्रधानमंत्री जी, सिर्फ मंत्री पर दोष थोपकर हाथ झाड़ लेना संविधान की भावना के बिल्कुल विपरीत होगा। संविधान मंत्रिपरिषद की सामुहिक जिम्मेदारी की गारंटी लेना तो दूर आपकी ओर से संवेदना का एक शब्द भी नहीं आया। इससे पूरा देश आहत है। यही देश का संविधान अपने नागरिकों को यह भी गारंटी देता है कि कोई व्यक्ति कितना भी ताकतवर क्यों न हो पर कानून की दृष्टि से सके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाएगा। कानून किसी भी पद, रुतबे या उसके दबदबे के दबाव में नहीं आएगा। लेकिन सारे सबूत सामने आ चुके हैं कि आपके मंत्री की गाड़ी से जानबूझकर अकारण ही निर्दोष किसानों को रौंदकर उनकी निर्मम हत्या की गई । इसके बावजूद न तो अब तक मंत्री को बर्खास्त किया गया और न ही उसकी गिरफ्तारी हुई। उसका अपराधी पुत्र भी सरकार के संरक्षण और छत्रछाया में ऐसा जंघन्य कृत्य करने बाद भी खुला घूम रहा है। अन्याय की इस मिसाल से देश में न्याय के शासन की गरिमा और विश्वसनीयता को गहरी चोट पहुंचती है और देश के नागरिकों का सरकार और इसकी न्याय व्यवस्था में विश्वास खत्म होता है। इस विश्वास और विश्वसनीयता की रक्षा आपका संवैधानित दायित्व है।

अब जब आप उत्तर प्रदेश आ रहे हैं तो मैं आपसे हाथ जोड़कर यह आग्रह करुंगा कि आप शोक और दुख की इस महान घड़ी में किसी महोत्सव के आयोजन का इरादा बदलमें और सभी दलों के नेताओं के साथ उनक किसान परिवारों के पास लखीमपुर खीरी चलें जिनके परिजनों की आप के मंत्री की गाड़ी के नीचे निर्ममता पूर्वक रौंदकर अकारण हत्या की गई है। उन परिवारों के बीच बैठकर आप पश्चाताप करें माफी मांगे अपने इस मंत्री को तत्काल बर्खास्त करेें दोषियों को गिरफ्तार करें और मंत्रि परिषद का मुखिया होने के नाते खुद इस घटना की जिम्मेदारी लें। सच्चे मन से किए हुए पश्चाताप से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। इससे आपकी आत्मा पर अपराध बोध का बोझ कम होगा।

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