ख़ुशी के प्रयास से खुशबू के जीवन में फैली सुगंध

Update: 2017-11-14 19:42 GMT
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय महामलपुर मिर्जापुर की छात्रा खुशी पटेल।

मिथिलेश धर दुबे

मिर्जापुर। कक्षा 8 में पढ़ने वाली खुशी को जब आप देखेंगे तो वो आपको साधारण सी लगेगी, लेकिन खुशी ने जो किया उसके जानकर आप भी हैरान हुए नहीं रह पाएंगे।

खुशी पटेल जिला मिर्ज़ापुर, तहसील मझवां के महामलपुर गांव की हैं और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कक्षा आठवीं की छात्रा हैं। खुशी मीना मंच की सक्रिय सदस्य हैं। खुशी ने क्या किया, खुद उनकी जुबानी पढ़िए।

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खुशी कहती हैं "इसी साल जून के महीने में एक दिन मेरे ही स्कूल के एक लड़के ने बताया कि गांव चरगहा में एक बाल विवाह हो रहा है। तब हम सर्वे कर रहे थे। खूशबू सरोज की उम्र अभी 12-13 साल है। जब ये बात मुझे पता चली तो मुझे बुरा लगा और दुख भी हुआ। शादी एक दो दिन बाद थी। मैं घर तो गई लेकिन बहुत परेशान रही। मैं किसी भी तरह से वो शादी रोकना चाह
ती थी। अगले दिन जब मैं अपने स्कूल गयी तो वहां मैंने मीना मंच के अपने अन्य साथि
यों से बात की और प्रण लिया कि ये ये शादी किसी भी तरह रुकनी चाहिए।

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खुशबू का गांव खुशी के गांव से लगभग 15 किमी दूर था। लेकिन खुशी ने खुशबू से मिलने की ठानी और अगले दिन उसके घर पहुंच गई। खुशी के साथ मीना मंच के कुछ और बच्चे थे।

खुशी कहती हैं "मैंने पहले उनके पिता भरत सरोज को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। फिर हमने उन्हें पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तब जाकर वे शादी रोकने के लिए माने। खुशी आगे बताती हैं "खुशबू के पिता सब्जी बचते है और रात को दारू पीते हैं। इस कारण घर का हालत ठीक नहीं है।" खुशबु के पिता कहते हैं कि उनके पास बेटी को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं।"

किसी तरह तो बेटे को पढ़ा पा रहा हूं। ऐसे में जब बेटी की शादी हो जाएगी तो उनका बोझ कम हो जाएगा। इस पर खुशी ने उन्हें समझाया और कहा कि आप बेटी को पढ़ाइये, वो खुद ही अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी। ख़ुशी ने कहा कि जब हमने खुशबू से बात की तो उसने कहा कि वो भी पढ़ना चाहती है, स्कूल जाना चाहती है.

खुशी के प्रयास से खुशबू की शादी तो रुक कई लेकिन वो अभी तक स्कूल नहीं जा रही। उनके माता-पिता अभी तक माने नहीं हैं। खुशी कहती हैं "अंध विश्वास के कारण भी बाल विवाह भी किया जा रहा है। खुशबू की बड़ी बहन को फूल रोग है। जिस कारण उनके माता-पिता को लगता है कि बड़ी बहन की शादी तो हो नहीं रही, खुशबू की भी नहीं होगी। इसलिए वे जल्दी शादी करना चाहते हैं।" समाज में बदलाव के लिए खुशी का संषर्घ जारी है।

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