क्‍लब 60: इस क्‍लब की पीएम मोदी ने की तारीफ, कर रहे हैं कई बेहतरीन काम

Update: 2019-12-28 13:14 GMT

अक्‍सर सुनने में आता है कि रिटायरमेंट के बाद लोग अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ उत्‍तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले महेश रस्‍तोगी के साथ भी हुआ था। 2009 में स्‍टेट बैंक से रिटायर होने के बाद उन्‍हें लगा था कि अब वो अपनी आगे की जिंदगी मजे से गुजारेंगे, लेकिन चार-पांच महीने बाद ही वक्‍त काटना भी मुश्‍किल होने लगा।

इसी दौर में महेश रस्‍तोगी ने 'क्‍लब 60' नाम की एक फिल्‍म देखी, जहां से उन्‍हें आइडिया आया कि रिटायर्ड लोगों का एक क्‍लब बनाया जाए। यह क्‍लब बना और इसका नाम 'क्‍लब 60' रखा गया। 60 वर्ष से ऊपर के वर‍िष्‍ठ नागरिकों का यह क्‍लब आज अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है। इनके काम की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में की थी।

इस क्‍लब से जुड़े लोग मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित एच ब्लॉक में रहते हैं। यहीं हमारी मुलाकात क्‍लब 60 के सदस्‍य महेश रस्‍तोगी से हुई। महेश बताते हैं, ''हम लोगों ने पहले मोहल्‍ले के ही टैगोर पार्क में सुबह-शाम बैठना शुरू किया। पहले सिर्फ चार लोग थे, लेकिन धीरे-धीरे लोग बढ़ते गए और आज इस क्‍लब के 15 सदस्‍य हो गए हैं। पार्क की बैठकों में ही तय हुआ कि समाज के लिए कुछ करना है। सभी का मत था कि आज पर्यावरण को लेकर तमाम चुनौतियां आ रही हैं तो इसी के आस पास काम किया जाए।''

क्‍लब 60 के सदस्‍य महेश रस्‍तोगी।

''इस कड़ी में सबसे पहले हमने वेस्‍ट मटेरियल से पार्क को सजाना शुरू किया। इसके बाद हमार ध्‍यान पानी पर गया, क्‍योंकि पानी की समस्‍या बढ़ती जा रही है। हमने सोचा कि बरसात के पानी को बर्बाद नहीं होने देना है। इसके लिए हमने पार्क में ही वाटर हार्वेस्टिंग की व्‍यवस्‍था कराई, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने मन की बात में किया था। ऐसे ही छोटे-मोटे 20 काम हम कर रहे हैं।'' - महेश रस्‍तोगी

क्‍लब 60 के काम

क्‍लब 60 की ओर से आज अलग-अलग 20 काम किए जा रहे हैं। इनमें मुख्‍य तौर पर नि:शुल्क योग कक्षा, पौधरोपण, लावारिस पेड़ो का सिंचन, ट्रीगार्ड लगाना, जल संरक्षण, पक्षी आवास, अपशिष्ट प्रबंधन, कम्पोस्टिंग, स्वच्छता, जागरूकता शिविर, निर्धन बच्चों की ड्रेस, फीस व किताबों से मदद की जा रही है। वहीं, पार्क में उगने वाली घास और सूखी पत्तियों से जैविक खाद भी बनाई जा रही है।


क्‍लब के सदस्‍य पीके त्‍यागी बताते हैं, ''पहले टाइम पास करना बहुत मुश्‍किल था। फिर क्‍लब से जुड़ कर पार्क में ही काम करना शुरू किया। अब वक्‍त कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता। हम लोग एक दूसरे की मदद करते हैं। हमारी जो दिक्‍कतें हैं वो आपस में साझा करते हैं और उनका हल निकालते हैं। वहीं, समाज को बेहतर करने की दिशा में कुछ कर पा रहे हैं यह हमार सौभाग्‍य है।''

वहीं, महेश रस्‍तोगी एक संदेश भी देते हैं। वो कहते हैं, ''मैं जो आदमी रिटायर हो रहे हैं उन्‍हें एक संदेश देना चाहता हूं कि वो घर पर बैठकर अपना वक्‍त और सेहत खराब न करें। वो बाहर निकलें और कुछ न कुछ सामाजिक कार्य करें। एक छोटा ग्रुप भी बना सकते हैं, जिससे उनको मन लगा रहे और सामाजिक दायित्‍व भी पूरा होता रहे।'' 

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