बिहार: अस्‍पताल में नहीं रुक रहा है मौत का सिलसिला, नाराज लोगों ने जाम किया हाईवे

Update: 2019-06-18 05:59 GMT

वैशाली ( बिहार)। बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर अभी भी जारी है। इस खतरनाक बुखार से अबतक 100 से ज्यादा बच्‍चों की मौत हो चुकी है। लोगों का आरोप है कि सरकार की उदासीनता केे चलते उनके बच्चों को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है। अपने बच्चों को मरता देख नाराज लोग सड़क पर उतर रहे हैं। वैशाली में लोगों ने राष्ट्रीय हाईवे जाम कर दिया।  ग्रामीणों ने वैशाली जिले में भगवानपुर चौराहे के पास राष्ट्रीय हाईवे 77 को जाम कर वाहनों की आवाजाही रोक दी है।

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बिहार के मुजफ्फरपुर में सस्पेक्टेड इंसेफ्लाइटिस 'चमकी बुखार' से मरने वालों की संख्या 104 तक पहुंच गई है। सोमवार रात 13 बच्चों की मौत हुई जबकि रविवार रात भी दो बच्चे काल के गाल में समा गए। मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में लगातार मंत्रियों और नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री नीताश कुमार भी आज मेडिकल कल कॉलेज पहुंचे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों का आरोप है कि इस भयंकर गर्मी में अस्पताल में लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही है।

मुजफ्फरपुर के मेेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी से तीमारदार परेशान

देशभर की मीडिया मुजफ्फरपुर में मौजूद है बावजूद इसके अस्पताल में बदइंतजामी पहले जैसी है, पीने के लिए पानी नहीं है। वैशाली से अपने बच्चे का इलाज कराने आये महेश कुमार कहते हैं, "अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं, जो हैं वे समय पर नहीं आते। बाथरूम में जाना मुश्किल है। शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। मैं अपने बच्चे को लेकर यहां आया तो हूं, लेकिन यहां के हालात देखकर लग नहीं रहा है कि मेरा बच्चा ठीक हो पायेगा।"

गौरतलब है कि रविवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के बाद सोमवार को बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने अस्पताल और स्वास्थ्य कर्मियों का जायजा लिया। गौरतलब है कि कई परिजन अस्पताल में अव्यवस्था और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का आरोप लगा रहे हैं। डॉक्टरों ने भी स्वीकार किया है कि उनके पास संख्या बल की काफी कमी है।

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