मोदी मंत्रिमंडल विस्तार : 10.30 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे कुछ नए चेहरे

Update: 2017-09-03 08:35 GMT
ये नौ लोग होंगे मोदी कैबिनेट में शामिल

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित तीसरा विस्तार रविवार की सुबह 10.30 बजे होगा। विस्तार में नौ नये चेहरे को टीम मोदी में जगह मिलेगी। शनिवार को जिन नौ चेहरों को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला किया गया है उनमें बिहार के आरके सिंह और अश्विनी कुमार चौबे, उत्तर प्रदेश के शिवप्रताप शुक्ल और सत्यपाल सिंह, कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े, राजस्थान के गजेंद्र सिंह शेखावत, केरल के अलफोंस कननथामन, मध्य प्रदेश वीरेंद्र कुमार और पूर्व आइएफएस अधिकारी हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। केंद्रीय कैबिनेट में नये नामों का चयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऊर्जा, दक्षता, पेशेवर तथा राजनीतिक कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर किया है ताकि नये भारत के विजन पर वे काम कर सकें।

नेता से नौकरशाह तक

  1. शिव प्रताप शुक्ल : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य। आठ वर्षों तक राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे।
  2. अश्विनी कुमार चौबे : बिहार के बक्सर से लोकसभा सदस्य। राज्य सरकार में आठ वर्षों तक मंत्री रहे। जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत।
  3. राजकुमार सिंह : 1975 बैच के पूर्व आइएएस अधिकारी। बिहार के आरा से लोकसभा में। केंद्रीय गृह सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव रहे हैं।
  4. वीरेंद्र कुमार : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद। दलित नेता कुमार छह बार सांसद और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं।
  5. अनंत कुमार हेगड़े : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से लोकसभा में। 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनने के बाद यह पांचवीं पारी है।
  6. हरदीप सिंह पुरी : 1974 बैच के आइएफएस अधिकारी। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों में भारत के राजदूत रहे। ङ्क्षहदू कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाई के समय जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे हैं।
  7. गजेंद्र सिंह शेखावत : जोधपुर, राजस्थान से लोकसभा सदस्य। टेक्नो-सैवी और प्रगतिशील किसान माने जाते हैं। बास्केट बॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।
  8. सत्यपाल सिंह : उत्तर प्रदेश के बागपत से अजीत सिंह को हराकर सांसद बने। 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी सिंह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं।
  9. अल्फोंस कन्ननथनम : 1979 बैच के आइएएस अफसर और केरल के भाजपा नेता। 1989 में उनके डीएम रहते कोट्टायम सौ फीसद साक्षरता वाला देश का पहला शहर बना था।

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