ICAR करेगा जैविक खेती में गौमूत्र के इस्तेमाल की संभावनाओं की तलाश 

Update: 2017-10-22 20:09 GMT
ICAR दो महीने के भीतर इस बाबत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली (भाषा)। कृषि संबंधी शोध करने वाली देश की शीर्ष संस्था भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को इस बात का अध्ययन करने के लिए कहा गया है कि क्या गौमूत्र का इस्तेमाल जैविक खेती को प्रोत्साहित करने में किया जा सकता है। उसे दो महीने के भीतर इस बाबत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

नीति आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ICAR को कहा गया है कि वह गौमूत्र को एमीनो अम्ल में परिवर्तित करने की संभावना तलाशने को कहा गया है ताकि इसका इस्तेमाल कृषि उत्पादकता बढाने के लिए प्राकृतिक उर्वरक के तौर पर किया जा सके।

ये भी पढ़ें- बिना मिट्टी के उगाए 700 टन फल और सब्ज़ियां, कमाया 30 लाख रुपये से ज़्यादा मुनाफा

ICAR को यह अध्ययन करने का अनुरोध करने का निर्णय नीति आयोग की उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रम (राज्य) मंत्री गिरिराज सिंह ने जैविक खेती के बारे में बात की और बताया कि गौमूत्र, जैविक कूडा और गोबर का इस्तेमाल जैविक खेती में कैसे किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- मछली पालन में इन बातों का रखें ध्यान

अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कई बार नीति आयोग को सिंह के साथ बैठक करने के लिए कह चुके हैं क्योंकि वह बिहार में जैविक खेती पर काफी काम कर चुके हैं। सिंह ने कथित तौर पर नीति आयोग से कहा है कि गौमूत्र रासायनिक उर्वरकों का बेहतर विकल्प है और यह कृषि उत्पादकता को चार-पांच गुना बढ़ा सकता है। उल्लेखनीय है कि 2016 में सिक्किम देश का पहला पूरी तरह जैविक राज्य घोषित किया गया।

देखें वीडियो-

सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हाईटेक गोशाला: A-2 दूध की खूबियां इनसे जानिए

Full View

Similar News