नहीं रहे ओल्ड मॉन्क रम बनाने वाले कपिल मोहन, जानिए उनकी सफलता की कहानी

Update: 2018-01-10 13:42 GMT
कपिल मोहन

नई दिल्ली। रम के मशहूर ब्रांड ओल्ड मॉन्क को बनाने वाले कपिल मोहन का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 2010 में कपिल मोहन को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 88 वर्षीय कपिल मोहन लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मोहन नगर स्थित उनके घर पर कपिल मोहन की दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कपिल मोहन रिटायर्ड ब्रिगेडियर के अलावा मोहन मीकिन्स लिमिटेड के चैयरमैन भी थे और जब उन्होने मोहन मीकिन्स लिमिटेड का पद संभाला था उसके बाद से कंपनी ने अपने खाते में कई खास उपलब्धियां भी दर्ज कराई थीं।

आइए जानते है भारत के सबसे पहले शराब कारोबारी परिवार से आने वाले कपिल मोहन की सफलता की कहानी।

भारत के पहले शराब कारोबारी के बेटे थे कपिल मोहन

ओल्ड मॉन्क रम बनने की कहानी की शुरूआत आजादी से पहले सन 1885 में होती है। जलियावाला बाग हत्याकांड वाले जनरल डायर के पिता एडवर्ड डायर ने साल 1885 में हिमाचल के कसौली में एक शराब कंपनी खोली थी जिसका नाम था डायर ब्रियुरी। आजादी के बाद इस कंपनी को एएन मोहन ने खरीद लिया और इस कंपनी का नाम बदलकर मोहन मीकिन्स लिमिटेड कर दिया। कपिल मोहन इन्हीं एएन मोहन के बेटे थे।

भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे कपिल मोहन

कपिल मोहन भारतीय सेना में थे। वे सेना में ब्रिगेडियर के पद से रिटायर्ड हुए थे। भारतीय सेना में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल के अवार्ड से नवाजा गया था। सेना से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने 1973 में मोहन मीकिन्स लिमिटेड कंपनी की संभाली। कपिल मोहन ने चेयरमैन बनने के बाद कंपनी में कई सारे बदलाव किए जिससे न सिर्फ कंपनी बल्कि ओल्ड मॉन्क रम भारत का ससे मशहूर ब्रांड बन गया।

2010 में मिला था पद्मश्री पुरस्कार

आज ओल्ड मॉन्क रम की मांग भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी है। ओल्ड मॉन्क रम इस समय दुनिया के 50 से भी ज्यादा देशों में बिकती है। 2010 में कपिल मोहन को भारत सरकार ने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। बीते एक साल से कपिल मोहन की तबीयत खराब चल रही थी। 6 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। अब उनके भतीजे हेमंत मोहन को कंपनी का चैयरमैन बनाया गया है।

ये भी पढ़ें:- 14 साल के किशोर का 22 लीटर खून पी गए कीड़े

Similar News