छत्तीसगढ़ में एक दिसम्बर से शुरू हुई धान खरीदी

Update: 2019-12-02 07:12 GMT

कांकेर। छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर (रविवार) से धान खरीदी शुरू हो गई। इस साल 54 नए खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। जबकि 48 मंडियों और 76 उपमंडियों के प्रांगण का उपयोग भी खरीदी के लिए किया जाएगा। सरकार द्वारा घोषित 2500 रुपए कुंतल में से अंतर की राशि किसानों को अलग से जाएगी। हालांकि 1815 रुपए का पेमेंट रविवार से ही होने लगेगा।

सरकार ने इस साल 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए लगभग 4 लाख 25 हजार बारदानों की व्यवस्था की गई है। इनमें 2 लाख 70 हजार नए, जबकि बाकी पुराने बारदानों का उपयोग किया जाएगा। 19 लाख 56 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है, जो कि पिछले साल की तुलना में दो लाख 58 हजार ज्यादा है।


सरकार द्वारा घोषित 2500 रुपए कुंतल में से अंतर की राशि किसानों को अलग से दी जाने का किसानो में खरीदी केंद्रों में रोष देखने को मिला है। किसान एकमुश्त वादे के अनुसार 2500 रुपए दिए जाने की बात कह रहे थे। 15 नवम्बर से शुरू होने वाली धान खरीदी 15 दिन लेट 1 दिसम्बर से शुरू होने पर भी किसान नाराज थे उनका कहना था लेट-लतीफी होने से धान रखने में परेशानी हो रही थी। धान सूख रहे थे।

उधर धान के बोनस को लेकर बीजेपी ने बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। बीजेपी 1 दिसम्बर से छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ धान खरीदी केंद्र/मंडियों के सामने प्रदर्शन कर रही है, इसके लिए बीजेपी ने नारा दिया है- 'धान ला तोल नहीं ते हल्ला बोल'। बीजेपी कार्यकर्ता धान खरीदी केन्द्रों के बाहर भी तंबू लगाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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