अगर आपने 90 के दशक में डीडी 1, डीडी मेट्रो जैसे चैनल देखे होंगे तो आपकी पुरानी यादें ताज़ा हो जाएंगी। उस समय टीवी पर किसी सीरियल के शुरू होने से पहले या बीच में कुछ ऐसे गाने या विज्ञापन आते थे जो देशभक्ति से, एकता से, अखंडता से जुड़े होते थे। खाली समय में, खेलते - कूदते वक्त हम अक्सर यही गाने गुनगुनाते थे। आज गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बार फिर आप सुनिए ऐसे ही कुछ गाने...
मिले सुर मेरा तुम्हारा
मिले सुर मेरा तुम्हारा को 80 के दशक में फिल्माया गया था। ये शास्त्रीय संगीत पर आधारित गाना था। इस गाने को पंडित भीमसेन जोशी ने कंपोज किया था। एक इंटरव्यू में उनके बेटे जयंत जोशी ने बताया था कि उस वक्त के प्रधानमंत्री राजीव गांधी, एक ऐसा गीत चाहते थे जो एकता की अलख जगाने वाला हो। इस गाने का प्रस्ताव लेकर एक जानी मानी कंपनी ओ एंड एम उनके पिता यानि भीमसेन जोशी के पास गई और वे ऐसा एक गीत कंपोज करने के लिए तैयार हो गए। सुनिए ये गीत...
बजे सरगम हर तरफ से
‘बजे सरगम हर तरफ से गूंज बनके’ ये नब्बे के दशक के सबसे लोकप्रिय गीतों में शामिल है। इस गीत के वीडियो में इस वीडियो में कविता कृष्णमूर्ति की आवाज के बाद पंडित रविशंकर, पंडित भीमसेन जोशी, पंडित रामनारायण, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित शिवकुमार शर्मा, उस्ताद जाकिर हुसैन और उनके अब्बा उस्ताद अल्लारखां खान, उस्ताद अमजद अली खान के अलावा तमाम शास्त्रीय नृत्यों को जगह दी गई थी। शास्त्रीय संगीत से जुड़े वाद्य यंत्रों को बजाने के उस्ताद इस वीडियो में अपने वाद्य यंत्र बजाकर दिखा रहे थे तो देश के सभी राज्यों का मुख्य नृत्य भी इसमें शामिल था।
हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं
हिंद देश के निवासी सब जन एक हैं, रंग रूप भेष भाषा चाहें अनेक हैं...इस गीत को एनसीईआरटी ने प्रोड्यूस किया था। ये गाना देश के अलग - अलग भाषाओं, रीति रिवाज़ों, रंग - रूप की अखंडता और इस सबके बावजूद हमारी एकता के बारे में बताता है। इस गाने का उस ज़माने में टीवी पर आने वाला वीडियो तो नहीं मिला लेकिन एनसीईआरटी के ऑफिशयल यू ट्यूब पेज पर इस गाने के बोल और उनके अर्थ बताता एक वीडियो ज़रूर है। इस वीडयो में आप ये पूरा गीत सुन सकते हैं।
सौर मंडल में टिमटिम
‘सौर मंडल में टिमटिम करते तारे अनेक हैं’ गीत भी 80 और 90 के दशक में दूरदर्शन पर आने वाले देश की एकता को बताने वाला गीत था। ये गीत बताता है कि हमारे देश में कितनी अनेकताएं हैं और उन अनेकताओं में कितनी एकता है।
झंडा ऊंचा रहे हमारा
देश का झंडा गीत 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' 90 के दशक में एक दिन में न जाने कितनी बार टीवी पर आता था। इस गीत को 1938 में श्यामलाल पार्षद ने लिखा था और इसे 1938 के ही कांग्रेस अधिवेशन में झंडा गीत के रूप में स्वीकार किया गया था। आजकल के बच्चों को शायद ये भी न पता हो कि झंडा गीत कौन सा है लेकिन उस वक्त बच्चों को ये गीत रटा रहता था।
हम सब भारतीय हैं
हम सब भारतीय हैं, देश के नेशनल कैडेट कोर यानि एनसीसी के जवानों की वीरता को दर्शाता गीत है और ये एनसीसी का अपना गीत भी है। इस गीत का वीडियो 90 के दशक में अक्सर टीवी पर आता था।