पीएम मोदी ने कहा- मजदूरों के रहने-खाने का राज्य करें इंतजाम, स्कूलों को बनायें ठिकाना

Update: 2020-03-27 14:30 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में अपने घरों के लिए पैदल निकल चुके मजदूरों और कामगारों के लिए स्कूल और धर्मशालालों में रुकने और खाने की व्यवस्था की जाए। सरकार के अलावा आसपास के लोग भी उनके खाने का इंतजाम करें, क्योंकि ये बड़ी लड़ाई है, जिसमें हम सबको मिलकर कर लड़ना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 मार्च को देश में रेडियो से जुड़े आरजे और कलाकारों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बात कर रहे थे।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "130 करोड़ देशवासियों को इस लड़ाई में सहयोगी बनना है। पुलिसकर्मी धैर्य से काम लें और जरूरी काम मे लगे लोगों का सहयोग करें। परेशानियां हैं इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, पूरी व्यवस्था एकदम से बंद हो जाए तो तकलीफ तो होगी, लेकिन हम सबको मिलकर परेशानियों को कम करना है। परेशानियां कम करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास भी कर रही है। इसके लिए गृह मंत्रालय से राज्य सरकारों को निर्देश भी दिये गये हैं कि वे पलायन कर रहे मजदूरों के रहने और खाने का इंतजाम करें ।"

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उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने देश के गरीबों, किसानों, दिव्यांगों, माताओं, बहनों, बुजुर्गों, निम्न वर्ग और मध्य वर्ग के लिए अनेक ऐलान किये हैं। इनमें से तमाम लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट के तौर पर लाभ दिया जा रहा है, लेकिन इसकी सही और जल्दी जानकारी पहुंचाना जरूरी है।

पीएम मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग की बात को एक फिर दोहराते हुए कहा कि यह बहुत जरूरी है। इसके अलावा साफ सफाई पर भी ध्यान देना होगा। जानकारी आप दे ही रहे हैं, थोड़ा इसका और विस्तार करना है। कहां आइसोलेशन सेंटर कहां, कहां कहां खाना दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने 27 मार्च को देश में रेडियो (एफएम) से जुड़े आरजे और कलाकारों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से बात की। उन्होंने कहा कि रेडियो और एफएम के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सही समय पर सही जानकारी लोगों तक पहुंचना जरूरी है।

देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के फैसले के बाद मुंबइ-दिल्ली जैसे बड़े शहरों से मजदूर अपने घरों की जा रहे हैं। ट्रेन और दूसरी ट्रांसपोर्ट सुविधाएं बंद होने के कारण हजारों मजदूर पैदल ही जा रहे हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सहित कई सरकारों ने इन मजदूरों की मदद करने का ऐलान किया था।

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