कोलकाता (भाषा)। पूर्वी रेलवे जोन में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने विभिन्न स्टेशनों और रेलगाडियों से 650 बच्चों को मुक्त कराया है और इनमें से 251 बच्चों को उनके माता पिता से मिलवाया गया है।
पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता आरएन महापात्रा ने बताया कि (आरपीएफ) पूर्वी रेलवे ने बच्चों को बचाने और उनके पुनर्वास के साथ ही सुरक्षा हेल्प लाइन 182 के प्रभावी तरह से काम काज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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उन्होंने कहा, अपनी सतर्क और चौकन्ना गतिविधियों के परिणामस्वरुप आरपीएफ ने अप्रैल 2016 से मई 2017 के बीच 650 बच्चों को बचाया है।
उन्होंने कहा, बचाए गए बच्चों में से 251 बच्चों को वापस उनके माता पिता से मिलवाया गया है और शेष बच्चों को एक एनजीओं को सौंप दिया गया।
हावडा स्टेशन पर बाल सहायता समूह स्थापित किए गए हैं जहां दो चाइल्ड हेल्प डेेस्क ‘चाइल्ड लाइन एनजीओ' और ‘लिटिल बिग हेल्प' काम कर रहीं है।
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प्रवक्ता ने बताया कि लापता बच्चों की तलाश में आरपीएफ ने ऑपरेशन मुस्कान-टू नाम से विशेष अभियान भी शुरु किया है और उसे 71 बच्चों को तलाशने में सफलता मिली है। इनमें से तीन बच्चे मानव तस्करी के चक्र में फंसे थे।
सुरक्षा हेल्प लाइन नंबर 182 के बारे में यात्रियों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए यात्रियों के बीच नियमित रुप से पर्चे बांटे जाते हैं। इसके अलाव स्टेशन के प्रमुख स्थानों और ट्रेनों में स्टीकर्स भी चिपकाएं गए हैं।
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