एसबीआई ने खाते में न्यूनतम राशि की सीमा घटाई, जुर्माने पर भी की कटौती

Update: 2017-09-26 07:47 GMT
एसबीआई।

लखनऊ। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को राहत देते हुए बचत खाते के लिए न्यूनतम बैलेंस घटा दिया है। अभी तक न्यूनतम बैलेंस 5,000 रुपए था, जिसे अब 3,000 रुपये कर दिया गया है। देश के सबसे बड़े बैंक ने इसके साथ ही इस सीमा का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माने में भी कटौती की है। संशोधित सीमा अनिवार्यता और शुल्क अक्टूबर से लागू किया जाएगा।

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अप्रैल महीने में लागू किया था शुल्क

सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक ने पेंशनभोगियों, सरकार की सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों तथा नाबालिग खाताधारकों को बचत खाते में न्यूनतम बकाये की सीमा से छूट दी है। इस साल अप्रैल में एसबीआई ने 5 साल बाद नए सिरे से न्यूनतम मासिक शेष और शुल्क को फिर से लागू किया था। महानगरों के लिए न्यूनतम राशि सीमा 5,000 रुपये रखी गई थी, वहीं शहरी और अर्द्धशहरी शाखाओं के लिए यह सीमा क्रमश: 3,000 और 2,000 रुपये तथा ग्रामीण शाखाओं के लिए 1,000 रुपये रखी गई थी। बैंक ने कहा कि हमने महानगरों और शहरी केंद्रों को एक श्रेणी में रखने का फैसला किया है। इन क्षेत्रों में अब 3,000 रुपये की सीमा लागू होगी।

जुर्माना राशि में भी कटौती

पिछले सप्ताह बैंक के प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय बैंकिंग समूह रजनीश कुमार ने कहा था कि बैंक न्यूनतम शेष की समीक्षा कर रहा है। खाते में न्यूनतम राशि न रखने पर जुर्माने को भी घटा दिया गया है। बैंक ने जुर्माना राशि को 20 से 50 फीसदी तक कम किया है। बैंक ने कहा कि अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क या जुर्माना राशि 20 से 40 रुपये के दायरे में होगी। वहीं शहरी और महानगर के केंद्रों के लिए यह 30 से 50 रुपये होगी।

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अभी तक महानगरों के लिए बैंक न्यूनतम राशि 75 प्रतिशत से नीचे आने पर 100 रुपये और उस पर जीएसटी वसूला जा रहा था। अगर न्यूनतम राशि 50 फीसदी या उससे कम पर आता है तो इसके लिए जीएसटी के साथ 50 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा था। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम शेष न रखने पर 20 से 50 रुपये (साथ में जीएसटी) का जुर्माना लगाया जा रहा था।

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