जानिए क्या था वह 'गेस्ट हाउस कांड', जिसे बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज फिर किया याद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आज आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया गया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के ताज होटल से एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने एक बार फिर 'गेस्ट हाउस कांड' का ज़िक्र करते हुए कहा कि गठबंधन का यह फैसला देशहित को गेस्ट हाउस कांड से ऊपर रखते हुए लिया है। आख़िर क्या था गेस्ट हाउस कांड, जिसका ज़िक्र एक बार फिर होने लगा है, आइये जानते हैं।
समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी एवं बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कु॰ मायावती जी की… https://t.co/x4h72V3hDT
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 12, 2019
24 साल पहले साल 1995 में उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसा कुछ हुआ, जिससे न सिर्फ पूरा प्रदेश बल्कि पूरा देश हिल गया। दरअसल, 2 जून 1995 को लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस में मायावती विधायकों के साथ रुकी हुई थी। वे कमरा नंबर 1 में थीं। अचानक समाजवादी पार्टी के समर्थक इस गेस्ट हाउस में घुस आए और मायावती से बदतमीज़ी की जाने लगी। उन्हें अपशब्द कहे गए, मार-पिटाई हुई। मामला इतना गंभीर हो गया कि मायावती को खुद को बचाने के लिए एक कमरे में बंद होना पड़ा।
'बहन जी' में घटना का ज़िक्र
पत्रकार अजय बोस की लिखी गई किताब 'बहन जी' मायावती के जीवनकाल पर आधारित है। इस किताब में भी 'गेस्ट हाउस कांड' का ज़िक्र किया गया है। किताब में लिखा है कि जब मायावती पर हमला हुआ था तो लखनऊ के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस ओपी सिंह भी वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, बल्कि वहां खड़े सिर्फ सिगरेट पीते रहे। वहीं दूसरे अधिकारियों विजय भूषण सुभाष सिंह बघेल और एसपी राजीव रंजन ने मायावती को बचाया था।
Bahujan Samaj Party Chief Mayawati and Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav to address a joint press briefing in Lucknow, tomorrow pic.twitter.com/iUPzVTyprp
— ANI UP (@ANINewsUP) January 11, 2019
इस हमले के बाद मायावती को समाजवादी पार्टी के बीच एक ऐसी खाई बन गई, जो इतने वक्त में भरी नहीं जा सकी। मायावती यही कहती रही कि गेस्ट हाउस में उस रोज़ उनकी जान लेने की कोशिश की गई। लेकिन 24 साल बाद सपा और बसपा के गठबंधन के साथ गेस्ट हाउस कांड के विवाद पर आख़िरी कील ठुक गई है।