सुप्रीम कोर्ट परिसर में 1 मई से क्रेच की सुविधा शुरू होने जा रही है। फिलहाल इसकी क्षमता 30 बच्चों की होगी। इसमें महिला वकील सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अपने बच्चों को रख सकेंगी।
इसके लिए उन्हें हर महीने ढाई हजार रुपए चुकाने होंगे। दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाली वकील अनंदिता पुजारी ने इसके लिए 5 साल लड़ाई लड़ी। बेटी की देखभाल की वजह से उन्हें वकालत में दिक्कतें हो रही थीं।
ये भी पढ़ें- महिला चल संपत्ति नहीं है, उसे अपने साथ रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता पति: सुप्रीम कोर्ट
उन्होंने 2012 में सुप्रीम कोर्ट परिसर में क्रेच के लिए अभियान शुरू किया। इस मुहिम में बाकी महिला वकीलों का भी समर्थन मिला और अब सुप्रीम कोर्ट में ये सेवा शुरू होने जा रही है।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।