बिहार सरकार की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शिक्षकों का वेतन चपरासी के वेतन से कम क्यों

Update: 2018-03-15 12:44 GMT
साभार: इंटरनेट।

शिक्षकों के समान वेतन को लेकर बिहार राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट नाराज है। उच्च न्यायालय ने सरकार से कहा है कि शिक्षक तो छात्रों का भविष्य निर्धारित करते हैं फिर शिक्षकों का वेतन चपरासी के वेतन से कम क्यों है।

कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 मार्च को रखी है। 27 को ही इस बात पर भी सुनवाई होगी कि शिक्षकों को 52 हजार करोड़ रूपये का एरियर कहां से और कैसे दिया जायेगा। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करें कि शिक्षकों की हालत में सुधार कैसे होगा।

ये भी पढ़ें- शिवराज सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षकों ने मुंडवाए सिर

बता दें कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान सुविधा का लाभ देने पर एरियर के लिए 52 हजार करोड़ रुपये की दरकार होगी। इतनी बड़ी रकम का प्रबंध करने में सरकार ने असमर्थता जताई है। सरकार नियोजित शिक्षकों को बीस फीसद की दर से वेतन वृद्धि देने के पक्ष में है। 29 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने समान काम के बदले समान सुविधा पर पहली सुनवाई की थी। गुरुवार दूसरी बार सुनवाई हुई।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Similar News