नई दिल्ली(भाषा)। केंद्र में सत्तारढ भारतीय जनता पार्टी भाजपा के नजदीकी कई संगठनों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि खाद्य फसलों, खासकर सरसों की खेती में आनुवांशिक अभियांत्रिकी के जरिये तैयार खाद्य फसलों के बीजों जीएम खाद्य फसलों की खेती की अनुमति न दी जाये। जीएम खाद्य फसलों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर नुकसान की आशंका जताते हुए उनका कहना है कि भारतीय बीज एवं अन्न बाजार पर बहुराष्ट्रीय जेनेटिक इंजीनियरिंग एवं बायोटेक्नोलॉजी कंपनी की गिद्धदृष्टि लगी है ।
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे स्वदेशी जागरण मंच, एसजेएम, भारतीय किसान संघ और भाजपा के भारतीय किसान मोर्चा के नेताओं का दावा है कि जीएम सरसों की खेती को अनुमति देने की सिफारिश में जल्दबाजी दिखायी गयी है । जबकि खेती से कोई खास फायदा नहीं होने वाला है । उल्टे इनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बढने तथा जैव विविधता के लिए खतरा हो सकता है ।
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एसजेएम और भारतीय किसान संघ ने जीएम सरसों के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखे हैं । एसजेएम के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम जीएम सरसों के खिलाफ हैं । इससे हमारी जैव विविधता प्रभावित होगी। यह पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला है क्योंकि इनसे कैंसर जैसे मर्ज पैदा हो सकते हैं । इससे मधुमक्खीपालन तथा फसलों का परागण और उत्पादन प्रभावित होगा। '' उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस के वैज्ञानिक एरेक सेरेलिन ने चूहों को जीएम फसल खिलाया और देखा गया कि उनकी तीसरी पीढी में भारी मात्रा में कैंसर का प्रकोप हुआ। ''