RBI ने रेपो रेट में की सबसे बड़ी कटौती, EMI चुकाने को लेकर तीन महीने की छूट

Update: 2020-03-27 05:15 GMT
ईएमआई और लोन भरने वालों को मिल सकती है राहत।

कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को राहत देते केंद्र सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये रेपो रेट में 0.75% की कटौती का ऐलान किया। इसके अलावा लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए EMI चुकाने में तीन महीने की छूट दी गई है। इस दौरान सिबिल स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 पर आ गया है। यह रेपो रेट में अब तक की सबसे बड़ी कटौती है। इसके अलावा आईबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए इसे 4 फीसदी कर दिया है।

ऐसे में अब लोन और ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। बैंक ईएमआई और ब्याज दरों में कटौती को लेकर घोषणा कर सकती हैं।

पहले रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को समझिये

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाते हैं। जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन आदि। जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे।

आरबीआई की तीन बड़ी घोषणाओं पर एक नजर

1- आईबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी बैंक के टर्म लोन की किस्त के भुगतान में तीन महीने की छूट मिलेगी।

2- रेपो रेट घटकर अब 5.15 से 4.4 फीसदी हो गई है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे।

3- कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) 1% घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। सीआरआर घटने से बैंकों के पास ज्यादा नकदी रहेगी।

देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत प्रत्येक बैंक को अपनी कुल नकदी का कोई एक हिस्सा आइबीआई के पास रखने होते हैं जिसे सीआरआर या नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं। जबकि टर्म लोन, शॉर्ट-टर्म लोन होते हैं जो पूंजी खर्च और बिजनेस बढ़ाने के लिए किसी बिजनेस को दिए जाते हैं।

EMI चुकाने को लेकर 3 महीने की छूट

आरबीआई ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थाओं (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों को टर्म लोन की किस्‍त तीन महीने तक टालने की अनुमति दी है।

शक्तिकांत दास ने कहा, "सभी कॉमर्शियल, क्षेत्रीय, ग्रामीण, एनबीएफसी और स्‍मॉल फाइनेंस बैंकों को किस्‍त के भुगतान पर तीन महीने का मोरैटोरियम देने की अनुमति दी जाती है। यह वैसे सभी लोन के लिए प्रभावी होगी जिनकी ईएमआई 31 मार्च को जानी है।'

वित्त मंत्री ने सराहा, बैंकों से अपील

आरबीआई के फैसले के तुरंत बाद वित्त मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया। उन्होंने ट्वीट करके अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने और कर्ज सस्ता करने के लिये रिजर्व बैंक के कदमों की सराहना की है।

उन्होंने रेपो दर में की गई कटौती का लाभ जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कर्ज किस्तों के भुगतान और कार्यशील पूंजी के ब्याज पर तीन महीने के लिए रोक लगाने के कदम जरूरी राहत पहुंचाने वाले कदम हैं। ब्याज दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार ने जारी किया 1.70 लाख करोड़ का पैकेज

इस बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थ‍िक पैकेज का ऐलान किया। इसके तहत 80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक पांच किलो चावल या गेहूं मुफ्त में दिया जाएगा। साथ ही एक किलो दाल हर परिवार को मुफ्त में मिलेगा। वहीं, उज्‍जवला योजना के सिलेंडर भी मुफ्त मिलेंगे।

मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज को जारी करते हुए प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, "कोई गरीब खाने की समस्या से न जूझे इसलिए इस पैकेज के माध्यम से पांच किलो गेहूं या चावल करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक दिया जाएगा। यह लाभ पीडीएस के तहत मिलने वाले लाभ से अलग होगा। इसके लिए उन्हें कोई पैसा नहीं देना होगा।"

वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, प्रवासी मजदूरों और शहरी-ग्रामीण गरीबों की तुरंत आवश्यकता के लिए पैकेज तैयार है, कोई भी भूखा नहीं रहेगा। 

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