उत्तराखंड में भारी तबाही, बादल फटने के बाद जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं

Update: 2019-08-19 12:23 GMT

उत्तरकाशी( उत्तराखंड)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई जगहों से पहाड़ टूटकर सड़कों पर गिरने की खबर भी आ रही है। मौसम विभाग ने भी उत्तरकाशी के अलावा देहरादून, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और पौड़ी जिले के लिए आने वाले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण बताए हैं। रविवार को उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें से अभी तक आठ शव बरामद किए जा चुके हैं।

इस साल की सबसे बड़ी तबाही

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक आराकोट और अन्य क्षेत्रों में दर्जनभर लोग लापता हैं। इससे पहले राज्य में बादल फटने की चार घटनाएं और हो चुकी हैं। उन घटनाओं में सात लोगों की मौत हुई थी। मोरी में हुई इस तबाही को सीजन की सबसे बड़ी तबाही भी बताई जा रही है। यहां की नदियां पब्बर और टौंस भी उफान पर हैं और भारी तबाही मचा रही है।

धरासू-गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास रात से पत्थर गिर रहे है। भूस्खलन की वजह से जोशियाड़ा और मनेरा के बीच गंगोत्री हाईवे का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। टौंस नदी का जलस्तर बढ़ने से देहरादून जिले का त्यूणी बाजार भी खतरे में है। यहां का हेलीपैड भी पानी में पूरी तरह डूब गया है।

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गांव मौंडा, खकवाड़ी, चिवां, गोकुल ग्राम और माकुड़ी में मकान गिर जाने के कारण 5 से 7 लोग मलबे में दब होने की सूचना है जिनके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया। बंगाण क्षेत्र में अभी तक अफरा-तफरी की स्थिति है। बंगाण क्षेत्र की छोटी-छोटी पांच- छह पुलिया बह गई है। जिससे एक दूसरे से संपर्क करना भी मुश्किल हो रहा है।

राहत और बचाव कार्य टीम मौके पर मौजूद

कैम्पटी-यमुनोत्री राजमार्ग भी भूस्खलन के बाद बाधित है। मोरी विकासखंड के आराकोट में सबसे ज्यादा तबाही की सूचना है। आराकोट बाजार को पूरी तरह से खाली करा दिया गया है।। उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बताया  कि राहत और बचाव टीमें सुबह ही आराकोट और माकुड़ी सहित अन्य प्रभावित इलाकों में भेज दी गई हैं। लेकिन जगह-जगह सड़कें बंद होने और लगातार बारिश की वजह से प्रभावित इलाकों तक पहुंच पाना बहुत कठिन हो रहा है।

देहरादून अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को मरीजों के लिए सभी सुविधाओं से तैयार रखा गया है। घायलों को एयरलिफ्ट कर मोरी पीएचसी लाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर द्वारा हेलीड्रॉप पैकेट व आवश्यक दवाइयां भेजी गई हैं। तीन मेडिकल टीमें भेजी गई हैं। राहत बचाव कार्य के लिए एयरफोर्स से भी मदद मांगी गई है। 

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