गंगटोक (भाषा) सिक्क्मि में एक अप्रैल से अजैविक खेती और बागवानी सामग्रियों की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सिक्क्मि में सब्जियों की कमी को देखते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देने के उपाय किए जा रहे हैं।
सिक्क्मि स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (एसआईएमएफईडी ) के प्रबंध निदेशक पवन अवस्थी बताते हैं, "अजैविक खेती और बागवानी वाली वस्तुओं की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध के बाद जैविक खेती को मजबूती प्रदान करने के लिए उठाये गए कदमों के कारण सिक्क्मि में अपर्याप्त खेती के चलते हुई सब्जियों की कमी एक अल्पकालिक समस्या है।"
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उन्होंने बताया कि सिक्क्मि में करीब 80,000 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन है, जिसमें से केवल 15,000 हेक्टेयर का इस्तेमाल जैविक खेती के लिए किया जाता है। राज्य सरकार का प्रस्ताव है कि किसानों और बड़े जमीन मालिकों को उनकी बिना इस्तेमाल वाली भूमि को खेती में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए जिससे खेती में बढ़ोतरी के कारण ना केवल घरेलू खपत में इजाफा होगा बल्कि बाहर भी विभन्नि जैविक खाद्य सामग्रियों का निर्यात किया जा सकेगा।