अगर किसी के पास नहीं है आधार तो उसे इन सेवाओं से नहीं किया जा सकता वंचित : UIDAI
भारतीय विशिष्ट प्राधिकरण ने कहा है कि अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे जरूरी सुविधाओं जैसे मेडिकल सुविधा या स्कूल में एडमिशन या राशन जैसे लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। एक बयान में UIDAI ने सरकारी विभागों और राज्य प्रशासन को बताया कि 24 अक्टूबर 2017 को जो नियम जारी किए थे उनमें से कई अपवाद हैं जिसका पालन करना सुनिश्चित करें।
आधार के अभाव में किसी भी व्यक्ति को इन सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है। UIDAI ने कहा कि उसने कुछ मामलों में पाया है कि आधार के अभाव में लोगों को चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित कर दिया गया। इनकार करने के तथ्यों की जांच की जा रही है दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। UIDAI ने कहा कि आधार का मतलब सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना है ताकि सेवाओं का गलत उपयोग न हो।
लेकिन चिकित्सकीय सेवा या स्कूल के दाखिले इसलिए नहीं दिया गया क्यों कि आधार नहीं था ये गलत है। आधार अधिनियम 2016 में परिवर्तन करने के बारे में कैबिनेट सचिवालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि वास्तविक लाभार्थियों को लाभ से वंचित नहीं होना चाहिए।
आधार लोगों को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए सक्षम बनाता है ताकि लोग बिना डर के अपने अधिकार प्राप्त कर सकें। अगर किसी के पास आधार नहीं है या ऑन लाइन आधार का सत्यापन नहीं हो पा रहा है तो उसकी जगह पर वैकल्पिक साधनों का उपयोग करके सेवा प्रदान करनी होगी। अगर आधार के सत्यापन की कमी के कारण किसी विभाग के अधिकारी सेवा से इंकार करते हैं तो उस विभाग के उच्च अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों आधार न होने पर गुरूग्राम में एक गर्भवती महिला को भर्ती करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा जिसकी वजह से उस महिला ने हॉस्पिटल की पार्किंग में बच्ची को जन्म दिया था। इतना ही नहीं इसके पहले महिला जब अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पहुंची तो उससे आधार मांगा गया आधार न होने पर अल्ट्रासाउंड करने से मना कर दिया गया।
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