एक तरफ बजती है स्कूल की घण्टी दूसरी तरफ शराबी करते हैं हंगामा

Update: 2016-08-04 05:30 GMT
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ककरमऊ (कानपुर देहात)। प्राथमिक विद्यालय से 20 मीटर की दूरी पर एक शराब का ठेका है। यहां सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया है। ग्रामीण महिलाओं ने पंचायत स्तर कई बार शिकायत की पर कोई समाधान नहीं निकला। बच्चों की पढ़ाई तक पर इस ठेके से असर पड़ रहा है। इसके साथ ही स्कूल में आने वाली शिक्षिकाओं को भी शराबियों की हरकतों की वजह से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।

जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर ककरमऊ गाँव है। ककरमऊ ग्राम पंचायत में पाँच हजार की आबादी है। सरकारी स्कूल और शराब ठेके के बीच की दूरी में सिर्फ एक रास्ते का अंतर है। पांच साल पुराने इस शराब ठेके ने बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। मानक के हिसाब से 100 मीटर तक स्कूल के आस-पास शराब ठेका नहीं होना चाहिए, पर इस शराब ठेके ने नियमों को ताक पर रख दिया है।

ग्राम प्रधान बलवान सिंह बताते हैं “इस बार जब मैं प्रधानी के चुनाव के लिए खड़ा हुआ तो ग्राम पंचायत की सभी महिलाओं ने मुझसे कहा था कि हम वोट आपको ही देंगे पर आपको ये शराब ठेका हटाना होगा। मैं प्रधान तो बन गया हूँ। गाँव की महिलाएं हमारे पास शिकायत लेकर भी आई कि हम जल्द से ये ठेका बंद करवा दें।” ग्रामीणों का कहना है कि प्रतिदिन इस शराब ठेके पर 200-300 लोग शराब लेने आते हैं। कुछ लोगों के दिन की तो शुरुआत ही शराब पीने से ही होती है। दो कदम पर प्राथमिक स्कूल है। बाउंड्री टूट जाने कि वजह से गाँव के लोग इसी के अन्दर स्कूल बंद होने के बाद शराब पीते हैं। हर सुबह स्कूल के अन्दर शराब की बोतलें और गिलास देखे जा सकते हैं।

प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पंकज वर्मा ने बताया दिसंबर 2014 से हमारी यहां पोस्टिंग हुई है। स्कूल में 67 बच्चे पंजीकृत हैं। तीन अगस्त को 53 बच्चे स्कूल में पढ़ने आए थे। बच्चे लगातार पढ़ने आते हैं। पर हर सुबह जब मैं स्कूल के अन्दर आता हूँ तो स्कूल के अन्दर खाली गिलास, बोतलें पड़ी रहती हैं। शौचालय पूरी तरह से गंदे मिलते हैं। सुबह एक घंटे आकर स्कूल की सफाई करानी पड़ती है।

स्वयं कार्यकर्ता अंकित यादव 

स्कूल: राम जानकी महाविद्यालय 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

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