स्वयं फेस्टिवल में किसानों ने पारंपरिक अऩाज देकर किया मुख्यमंत्री का स्वागत

Update: 2016-12-30 11:17 GMT
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पारंपरिक अनाज देकर स्वागत करते पांच जिलों के किसान। साथ में हैं गांव कनेक्शन के फाउंडर नीलेश मिसरा और चीफ एडिटर डॉ. एसबी मिश्र।

स्वयं डेस्क/ दीपांशु मिश्रा (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 21 वर्ष

लखनऊ। स्वयं फेस्टिवल के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समारोह के मुख्य अतिथि अखिलेश यादव का स्वागत अनूठे अंदाज में हुआ। प्रदेश के पांच जिलों से आए किसानों ने मुख्यमंत्री को पांच अलग-अलग तरह के आनाज उपहार में दिए।

बुधवार को लखनऊ के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित स्वयं फेस्टिवल के दौरान पांच किसानों ने मुख्यमंत्री को सूप में रखकर कोदो-सामा, मक्का, बाजरा, जौ और कुटकी उपहार में देकर उनका स्वागत किया। स्वागत करने वाले किसानों समूह की अगुवाई कर रहे मेरठ के प्रगतिशील किसान नितिन काजला ने मुख्यमंत्री को इऩ अनाजों की विशेषता के बारे में भी बताया। नितिन ने कहा, “मुख्यमंत्री जी माइऩर मिलट के रुप में जाने जाने वाले ये अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये इनमें से कुछ वही अनाज हैं, जिनके लिए पिछले वर्ष यूपी को ये कहकर बदनाम किया गया था कि बुंदेलखंड के लोग घास की रोटी खाते हैं। हालांकि अब ये शहरों के साथ ग्रामीण घरों से गायब होते जा रहे हैं।”

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने न सिर्फ किसानों से मिले उपहार को गर्मजोशी से स्वीकार किया बल्कि किसानों को धन्यवाद भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, “ये सब अनाज हमारी थाली का सदियों से हिस्सा रहे हैं। बुंदेलखंड में भी लोग खाते हैं, लेकिन मीडिया ने गलत तरीके से प्रचारित किया, हालांकि बाद में सच्चाई सबके सामने आ गई थी।”

मुख्यमंत्री के साथ बाराबंकी के किसान राम सांवले शुक्ला।

मुख्यमंत्री का स्वागत करने वाले किसानों में काजला के साथ ही बाराबंकी में टांडपुर गांव के रामसांवले शुक्ला, फैजाबाद के रामनगर निवासी जैविक खेती करने वाले किसान विवेक, सीतापुर निवासी विकास तोमर, सोनभद्र के घोरावल ब्लॉक के जमगांइ गांव निवासी जीतेंद्र पाठक शामिल रहे। समारोह के बाद किसान रामसांवले शुक्ला ने गांव कनेक्शन का धन्यवाद देते हुए कहा, “मुख्यमंत्री से मिलने और अनाज भेंट करने का अनुभव शानदार रहा। इससे हमें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। अच्छा होगा कि अब ऐसे मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित किया जाए और किसानों को बेहतर बाजार मिले।” नितिन काजला ने मुख्यमंत्री को अपने खेतों के गन्ने से बना जैविक गुड़ भी उपहार में दिया।

मुख्यमंत्री और उनके सलाहकार आलोक रंजन के साथ किसान।

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