किसानों की आत्महत्या पर चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांगा जवाब, हर 40वें मिनट जाती है एक जान

Update: 2017-01-27 15:20 GMT
कर्ज, सूखा, उपज कम और खेती की लागत बढ़ने से परेशान हैं किसान।

नई दिल्ली/लखऩऊ। देश में किसानों की आत्महत्या पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने 4 हफ्तों में सभी से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

सरकारों से ये जवाब जरुरी भी हो गया था। आंकड़ों मुताबिक भारत में हर 40वें मिनट में एक किसान खुद अपनी जान ले रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के मुकाबले 2015 में किसानों की कृषि दुर्घटना मौत और आत्महत्या में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों ने जान दी थी।

किसानों की आत्महत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता।

वर्ष 2014 और 15 दोनों सूखा प्रभावित रहे हैं। साल दर साल फसल बर्बाद होने और लागत न निकालने का असर किसानों पर पड़ा है। कर्ज के बढ़ते बोझ और घर का खर्च चलाने की चिंता ने उन्हें आत्महत्या के लिए विवश किया है। एनसीआरबी प्रतिवर्ष राज्यों से रिपोर्ट लेकर ये डाटा प्रकाशित करता है। राज्यों पर ये आरोप भी लगते हैं कि ‘रिकार्ड साफ’ रखने के लिए वो किसानों की मौत को छिपाने की कोशिश करती हैं। तकनीकि कारणों से किसान की मौत की वजह खेती बहुत कम या फिर न के बराबर दिखाई जाती है।

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