गुजरात का पुंसारी : देश के सारे गांव ऐसे हो जाएं तो खत्म हो जाएंगी आधी समस्याएं, शहरों में कम हो जाएगी भीड़

Update: 2017-09-20 15:46 GMT
गुजरात का ये पूरा गाँव वाई-फाईयुक्त है।

6 लाख से ज्यादा गांवों वाले भारत में ज्यादातर गांवों मूलभूत सुविधाओं नहीं हैं। जिसके चलते रोजगार और बेहतर भविष्य के लोग शहरों को पलायन करते हैं। लेकिन गुजरात में एक ऐसा गांव है जो शहरों को टक्कर देता है,  अगर देश के बाकी पंचायत प्रतिनिधि इस गांव से सीख लें तो देश की आधी समस्याएं खत्म हो सकती हैं, पढ़िए यहां की खूबियां

नई दिल्ली। देश के बाकी गाँव जहां अभी बिजली, पानी और शौचालय की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं गुजरात का ये पूरा गाँव वाई-फाई युक्त है। पूरे गाँव में सीसीटीवी लगे हैं, गाँव से शहर जाने के लिए शानदार एक्सप्रेस बस सेवा है। दिन हो या रात गाँव चमचमाता रहता है, देश के कोनों-कोनों से लोग इसे देखने आते हैं।

पुंसारी गांव का प्रवेश द्वार

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लगभग 6,000 लोगों की आबादी वाला गुजरात के साबरकांठा जिले का पुंसारी गाँव देश के करीब 6 लाख गाँवों का रोल मॉडल है। 2010 में पुंसारी गाँव को राज्य आदर्श ग्राम के पुरस्कार से सम्मानित किया था। साथ ही इसे पूरे देश के तीन आदर्श गाँवों की सूची में भी स्थान मिला है। इस गाँव को आदर्श गाँव बनाने का श्रेय जाता है यहां के सरपंच हिमांशू पटेल को। एक वक्त था जब यहां लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं लेकिन 2006 में हिमांशू भाई पटेल यहां के सरपंच चुने गए। उन्होंने इस गाँव को इतना बदल दिया कि अब यहां हर वो सुविधा है जो किसी अच्छे शहर में होती है। ये देश की सबसे चर्चित ग्राम पंचायत है।

इस गाँव में हर वो सुविधा है जो किसी भी गाँव या शहर के नागरिक को चाहिए होती है। गाँव में पक्की सड़कें हैं। 20 से 22 घंटे लाइट आती है। 2010 से पूरे गाँव में वाई फाई है। । अटल एक्सप्रेस नाम की बस सेवा है जिससे यातायात व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है। साफ सफाई का यहां विशेष ध्यान रखा जाता है। सफाई कर्मचारी घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करते हैं। गाँव में 120 लाउडस्पीकर लगे हैं।

जब भी गाँव के सरपंच को कोई घोषणा करनी होती है तब वह इनका इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं कई बार गाँव के बच्चों का रिजल्ट बताने के लिए भी इन्हीं लाउडस्पीकर और माइक का इस्तेमाल किया जाता है।

यहां की हर सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगी है। गाँव के लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके इसके लिए एक आरओ प्लांट लगाया गया है, जहां चार रुपये में 20 लीटर मिनरल वॉटर मिलता है और ठंडा पानी 6 रुपये में 20 लीटर मिलता है। पानी को घर-घर पहुंचाने का काम भी ग्राम पंचायत ही करती है।

बनाई गई चलित लाइब्रेरी

गाँव के जिन लोगों को पढ़ने का शौक है उनके लिए एक चलित लाइब्रेरी बनाई गई है। इसके लिए एक ऑटो का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सैकड़ों किताबें होती हैं। यह ऑटो अलग-अलग जगहों पर इसके लिए निश्चित समय पर पहुंच जाता है जिससे लोग अपने दूर जाए बिना ही अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकते हैं। गाँव में पांच स्कूल हैं और सबमें एसी लगे हैं। लोगों का इलाज अच्छे से हो सके इसलिए एक अस्पताल भी गाँव में खोला गया है।

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