बिहार में बाढ़ से लाखों लोग बेघर हुए हैं, लोगों को आपकी जरूरत है , आप भी बनें मददगार
लखनऊ। “रात 12 बजे घर में पानी घुस गया। हम अपना सबकुछ गंवा चुके हैं। हमारे पास खाना, पानी, कपड़ा, कुछ भी नहीं है। पूरे गाँव के लोग परेशान हैं। मवेशी मर चुके हैं। हम कुछ दवाओं के बल पर जिंदा हैं।” पश्चिमी चंपारण की जूही देवी, सामाजिक संस्था गूंज को बताती हैं।
जूही देवी का घर पश्चिम चंपारण के ब्लॉक गुनाह के गाँव मरजादी की रहने वाली जूही देवी उन लोगों में शामिल हैं, जो बिहार में आए सैलाब का शिकार हुई हैं। बिहार के 18 जिलों की एक करोड़ 38 लाख 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। सरकारी एजेंसियां और विभाग अपना काम कर रहे हैं बिहार के हालात काफी बद्तर हैं। बिहार के डिप्टी सीएम ने बीजेपी शाषित मुख्यमंत्रियों से खास मदद मांगी है तो कई संस्थाएं इन दिनों बिहार में जुटी हुई हैं। ग्रामीण भारत के विकास के लिए काम कर रही संस्था ‘गूंज’ भी लगातार प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं, अगर आप भी बिहार के लोगों की मदद करना चाहते हैं तो गूंज से जुड़़ सकते हैं।
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बाढ प्रभावित प्रदेश के 18 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगडिया प्रभावित हुए।
अररिया में 71 लोग, सीतामढी में 34, पश्चिमी चंपारण में 29, कटिहार में 26, मधुबनी में 22, पूर्वी चंपारण एवं दरभंगा में 19—19, मधेपुरा में 15, सुपौल में 13, किशनगंज में 11, पूर्णिया एवं गोपालगंज में 9—9, मुजफ्फरपुर में 7, खगडिया एवं सारण में 6—6 तथा शिवहर एवं सहरसा में 4—4 व्यक्ति की मौत हुई है.एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 वोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 वोट के साथ तथा सेना की 7 कालम 630 जवानों और 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
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पूर्वी चंपारण जिले में बूढ़ी गंडक में पानी बढ़ने से राजेपुर थाने के चकी भुड़कुरवा बांध पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे डरे-सहमे लोग गांव से पलायन कर गये हैं। राजेपुर के कई गांवों में रविवार रात बाढ़ का पानी फैल गया। मधुबन के कई इलाकों में बूढ़ी गंडक का पानी जमा हुआ है। मोतिहारी शहर के कोल्हुअरवा, नकछेद टोला, मठिया जीरात, एकौना, आजाद नगर, बेगमपुर, मछुआ टोली आदि में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पश्चिमी चंपारण में अधिकांश जगहों से बाढ़ का पानी उतर चुका है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य चलाया जा रहा है।
समस्तीपुर जिले में करेह के जलस्तर में वृद्धि होने से सिंघिया के नवटोलिया में तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। अनहोनी की आशंका से सहमे ग्रामीण विभागीय कर्मियों के सहयोग से तटबंध को बचाने में जुटे हैं। कल्याणपुर में तीन और वारिसनगर में एक जगह पर स्लूइस गेट में रिसाव से अफरातफरी मच गयी। मधुबनी जिले में बाढ़ का पानी कम हो रहा है।