बांस के लैंप बनाकर लखपति बन गए मेरठ के देवेंद्र, कई राज्यों से मिल रहे है ऑर्डर

Update: 2020-02-27 11:15 GMT

मेरठ (उत्तर प्रदेश)। एक दिन अपने बच्चे के लिए आइसक्रीम स्टिक से पेेंन्सिल बॉक्स बना रहे देवेंद्र ने ये नहीं सोचा था कि भविष्य वो इसी का कारोबार शुरू कर देंगे। आज देवेंद्र बांस के लैंप की कारीगर के लिए जाने जाते हैं।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रिठानी गाँव के वाले देवेंद्र ने नौकरी छोड़कर व्यापार करने की ठानी और आज बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। देवेंद्र कुमार बताते हैं, "यह प्रेरणा मुझे अपने बेटे से मिली, उसके स्टेशनरी रखने के लिए मैंने आइसक्रीम की स्टिक से बॉक्स बनाया और फिर उसी से एक छोटा मंदिर बनाया। उसी समय मेरे दिमाग में लाइट लगाने का विचार आया। फिर क्या उसके बाद काम शुरू कर दिया, आइसक्रीम स्टिक से करीब 26 डिजाइन बना दिए, दीपावली पर लोगों का काफी सहयोग भी मिला।"

देवेंद्र बताते हैं, "लोगों के सहयोग मिलने के बाद बेहतर प्रोडक्ट बनाने के बारे में सोचा और बांस से नाइट लैंप बनाने के बारे में सोचा, कई तरह के नाइट लैंप तैयार किए अच्छी लुकिंग मजबूत और बेहतर क्वालिटी के साथ हैंगिंग वाला माउंटिंग, टेबल फ्लोर लैंप, झूमर और भी कई तरह के डिजाइन इस लाइटिंग प्रोडक्ट को दिए गए। इस लाइटिंग प्रोडक्ट को मुझे काफी समय हर चीज को बारीकी से टेस्ट किया और करीब 4 से 5 महीने में मुझे कामयाबी मिली।"


आज देवेंद्र कुमार के बनाए बांस के लैंप महाराष्ट्र और गोवा जैसे प्रदेशों तक जाते हैं। वो कहते हैं, "लोग दीपावली पर चाइनीज लाइट खरीदते हैं, जिसका पैसा विदेश जाता है। हम चाहते हैं कि हमारे देश का पैसा देश में ही रहना चाहिए। इसलिए मैंने लाइट प्रोडक्ट तैयार किया है। सब देश को अपनाना चाहिए और यह लाइटें लोगों को आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दूरदराज से लोग देखने भी आते हैं और खरीदने भी आते हैं मेहनत तो काफी लगती है लेकिन इन लाइटों का दाम सही से नहीं मिल पाता खासतौर पर इन बांस की लकड़ियों में जिस तरह से हमने आकर्षण डिजाइन बनाए हैं। उनको देखते हुए इसमें एलईडी लाइट लगाई गई है ताकि और भी सुंदरता बढ़े।"

डिजाइन के बारे में देवेंद्र बताते हैं, "ये सारा काम मैन्युअली होता है, इसमें मशीन से कुछ नहीं होता है, मैन्युअली घिसाई होती है, जब ये साफ हो जाता है तो हम इसपर डिजाइन बनाते हैं, पेंसिल या फिर मार्कर से। डिजाइन बनाने के बाद हम इसपर ड्रिल से डिजाइन करते हैं और उसके बाद फिर सफाई करते हैं अंदर और बाहर से। लोगों को लगता है कि हम बांस पर पॉलिश करते हैं, जबकि हम इसपर कोटिंग करते हैं। कोटिंग के बहुत से फायदें हैं एक तो इसकी लाइफ बढ़ती है इसकी चमक भी बढ़ती है। इससे प्रोडक्ट देखने में अलग ही दिखता है, जैसे कि हमने इसपर ग्लास चढ़ा दिया हो।" 

देवेंद्र कुमार : +91 84393 83000

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