यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा रद्द होने से क्यों खुश हैं गाँवों के युवा

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द होने और अगले 6 माह के भीतर फिर से होने की ख़बर से गाँव के युवा सबसे ज़्यादा खुश हैं। वे इस बात को लेकर फिक्रमंद थे कहीं पूरे मामले की जाँच और सरकारी प्रक्रिया में उनकी कड़ी मेहनत बेकार ना चली जाए।

Update: 2024-02-24 16:42 GMT

"मेरा एग्जाम 17 फरवरी को फर्स्ट शिफ्ट में था; उस दिन तो कुछ नहीं हुआ; लेकिन अगले दिन टेलीग्राम पर मेरे पास एक पेपर और उसका हल दोनों आ गया; ये दूसरे दिन शाम का पेपर था,पहले तो लगा फ़र्ज़ी है, लेकिन जब शाम 6 बजे एग्जाम सेण्टर से जब परीक्षार्थी निकलें और मैंने पेपर मिलाया तो पूरा पेपर मैच कर रहा था। " लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर प्रयागराज से धरने में आए छात्र प्रवीण कुमार (बदला नाम) ने गाँव कनेक्शन से बताया।

प्रवीण ने आगे कहा, "ये देख कर इतना दुःख हुआ की दो साल से 12 घंटे हम लाइब्रेरी में बिता रहे थे; लेकिन नक़ल के आगे हार गए; हम लोग यही चाहते थे कि एग्जाम निरस्त किया जाए और फिर से हमें समय दिया जाए; आखिरकार सरकार ने हमारी सुन ली अब इस फैसले से एक नयी उम्मीद जगी है।"

उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 17 और 18 फरवरी को सभी 75 जनपदों के 2385 सेंटर पर आयोजित की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 6 माह के भीतर पूरी शुचिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस परीक्षा के संबंध में जारी एसटीएफ की जाँच और अब तक की कार्यवाही की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने ये फैसला निर्णय लिया।

यूपी कांस्टेबल परीक्षा के रद्द होने के फैसले के बाद छात्रों का लखनऊ में तीन दिन से चल रहा धरना तो ख़त्म हो गया, लेकिन परीक्षा को लेकर छात्रों के बहुत से सुझाव हैं ताकि 6 महीने बाद जब ये परीक्षा फिर से हो तो इस परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई धांधली न हो पाए। कुछ छात्रों का कहना है कि ये परीक्षा ऑनलाइन कराई जानी चाहिए; तो कुछ का परीक्षा के सेंटरों को लेकर शिकायत रही। छात्रों का ये भी कहना हैं कि परीक्षा कराने में किसी भी प्रकार की जल्दीबाज़ी न दिखाई जाए और सरकार पूरी तैयारी के साथ परीक्षा करवाए।

उत्तर प्रदेश के बलिया से आए छात्र पंकज सिंह (बदला हुआ नाम) ने गाँव कनेक्शन से कहा, "पिछले तीन दिनों से यहाँ पर धरना दे रहे थे कि इस एग्जाम को रद्द किया जाए और हमको तैयारी का समय दिया जाए; इस बार एग्जाम को निष्पक्ष रूप से कराया जाना चाहिए, हो सके तो इस एग्जाम को ऑनलाइन कराया जाए, ऑनलाइन एग्जाम में ज़्यादा दिक्कतनहीं होती; ऑफलाइन एग्जाम में अक्सर ऐसा देखा गया हैं पेपर लीक हो जाता हैं।"

सरकार के परीक्षा रद्द के फैसले के बाद कुछ छात्रों को आशा की नयी उम्मीद मिली है और उनका कहना है कि ये फैसला ऐतिहासिक है और इससे नक़ल करके परीक्षा पास करने वालों को सबक मिलेगा। उत्तर प्रदेश के गोंडा से आये एक छात्र ने गाँव कनेक्शन से बताया, "सरकार ने एक नया इतिहास रचा है इस परीक्षा को रद्द करके और सरकार के इस फैसले से ये संदेश आगे जाएगा कि जो भी भर्ती की परीक्षाओं में पैसा देकर पास होना चाहेगा वो आगे से ऐसी गलती नहीं करेगा; ये सरकार का एक बड़ा कदम है और इसकी में सराहना करता हूँ और हम खुश हैं इस फैसले से।"

वहीं आगरा से आईं छात्रा ममता सचदेव (बदला हुआ नाम) ने कहा, "जब पता चला ये पेपर लीक हो गया तो बहुत बुरा लगा; लेकिन आगे से सरकार ध्यान रखें की जो छात्र मेहनत कर रहे हैं उनके साथ खिलवाड़ न हो, ये फैसला हमारे धरने की जीत है और मैं अपने टीचर्स का भी धन्यवाद दूँगी क्योंकि वे भी हमारे हक़ के लिए लड़े।"

यूपी के आजमगढ़ से आए मनोज रावत (बदला हुआ नाम) ने गाँव कनेक्शन से कहा, " जाँच इस बात की भी होनी चाहिए कि इस पेपर लीक मामले में कौन कौन शामिल था, सजा सभी को मिलनी चाहिए, बड़े-बड़े माफिया हो सकते हैं या फिर सरकार के अंदर के भी लोग हो सकते हैं निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए और उन लोगों के घरों पर भी बुलडोज़र चलना चाहिए।"

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ और परीक्षा की शुचिता से समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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