खेत में जाकर वैज्ञानिक करेंगे किसानों की समस्याओं का समाधान

Update: 2016-06-03 05:30 GMT
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लखनऊ। कई बार किसानों की फसल कीट या रोग से प्रभावित हो जाती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में अब किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, अब एक मैसेज पर कृषि वैज्ञानिक उनके खेत में जाकर उन्हें सही सलाह देंगे। 

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने ‘सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली’ (पीपीआरएस) योजना की शुरुआत की है, जिसका लाभ लेने के लिए किसान को मैसेज या व्हाट्सएप के माध्यम से कृषि विभाग को सूचित करना होगा। कृषि वैज्ञानिक किसान के खेत में फसल में लगी बीमारी या फिर कीट को देखने के बाद उसका निदान करेंगे। इस योजना का खाका पूरी तरह से तैयार हो गया है।

प्रदेश का कोई भी किसान ऐसा नहीं होगा, जिसकी फसल में कोई रोग या कीट न लगता हो। कभी कभी हालत ऐसी हो जाती है कि पूरी फसल इसी वजह से चौपट हो जाती है कई बार हजारों रुपए लगाकर तैयार की गई फसल बर्बाद हो जाती है। रोग या फिर कीट की सही जानकारी न होने पर उपाय नहीं कर पाते हैं, जिससे किसान पैसे खर्चकर कीटनाशक तो छिड़कता है, लेकिन कोई फायदा नहीं होता है।  

संयुक्त कृषि निदेशक, लखनऊ मंडल, डॉ ओमवीर सिंह बताते हैं, “पूरे प्रदेश के लिए दो नंबर दिए गए हैं, जिसपर किसान को मैसेज या व्हाटसएप के माध्यम से अपने बारे में बताना होगा। उसे देख कर कौन सा कीट या फिर बीमारी लगी है, उसी से संबंधित अधिकारी किसान के पास जाकर सही सलाह देगा कि कौन सी बीमारी है, उसका निदान कैसे किया जा सकता है। 

योजना का लाभ लेने के लिए किसान को 9452247111 या फिर 945825711 पर मैसेज या फिर जिन किसानों के व्हाटसएप की सुविधा है वो अपनी फसल की फोटो खींचकर इन नंबरों पर भेज सकते हैं। 

मैसेज मिलते ही दो दिनों के अंदर संबंधित अधिकारी किसान पास जाएगा और कीट या रोग के बारे में सही जानकारी देगा। इससे किसानों को कम समय में ही सही जानकारी मिल जाएगी।

मैसेज में किसान को अपना नाम, गाँव, ब्लॉक और जिले का नाम लिख कर भेजना होता है। मैसेज मिलते ही उस जिले के कृषि को पूरी जानकारी दी जाएगी, वहां से वो उस फसल से संबंधित विशेषज्ञ को किसान के पास भेजा जाएगा।

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