अगले 48 घंटों में होगी झमाझम बारिश, धान रोपाई की तैयारी कर लें किसान

Update: 2017-06-27 20:00 GMT
धान की बेड़ लगाते किसान।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों में प्रदेश में तेज बारिश हो सकती है, इसलिए धान की खेती करने वाले किसान अभी से तैयारी शुरु कर दें।

जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बक्शी का तलाब तहसील के किसान योगेश कुमार शुक्ला बताते है, "अच्छी बारिश हो गई तो खेतों में पानी लगाने की जरुरत नहीं है। रोपाई के समय बहुत अधिक पैसा लग जाता है। अच्छी बारिश होने से खेतों में पानी भरने से धान, मक्का व अन्य फसलों को लाभ होगा। धान की फसल के लिए पानी की जरूरत आम फसलों मुकाबले ज्यादा रहती है। इस कारण किसानों के खेतों में लगे ट्यूबवेल दिन रात चलाना पड़ता है, जिसका पैसा आसानी से बच सकता है।"

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मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं," किसान भाईयों से ये कहना चाहते हैं कि इस बार बारिश अच्छी होने कि सम्भावना है। धान की रोपाई करने के अलग से सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं है। आने वाले तीन दिनों में तेज बारिश होगी।"

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने खरीफ सीजन में पिछले साल के मुकाबले प्रदेश में इस साल 2017-18 के खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार 91.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल इस सीजन में 91.44 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हुई थी पिछले साल खरीफ में 185.11 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था, जबकि इस बार 194.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खरीफ की मुख्य फसल धान की प्रदेश में 59.66 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। प्री-मानूसन की अच्छी बारिश और मानसून की अच्छी आहट से इस बार खरीफ में बंपर पैदावार भी होने की संभावना है।

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कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया, सीतापुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैं, "धान की बुवाई करने वाले किसानों को बारिश होने से पहले धान की रोपाई की व्यवस्था कर लेना चाहिए, जिससे वो बारिश का लाभ उठा सकता मृदा परीक्षण के अनुसार उवर्रक खरीद कर रख लें। मजदूरों की व्यवस्था कर लें साथ ही खरपतवार नाशी का इंतजाम कर लेना चाहिए।"

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वो आगे कहते हैं, "कम बारिश होने पर मक्का, तिल, अरहर, उरद की बुवाई अभी न करें क्योंकि ये कम बारिश फसलें हैं, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार बारिश भारी मात्रा में होगी। अगर खेत में सब्जियां लगाई गई हैं, वो खेत में पानी निकासी की व्यवस्था कर लें, खेत में पानी रुकने से सब्जियों को नुकसान होता है।"

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