अब किसान देश में कहीं भी बेच सकेंगे अपनी उपज

Update: 2017-04-28 16:11 GMT
फिलहाल देश में 15 बीजेपी शासित राज्यों में नए एक्ट को लागू किया जा सकता है। (फोटो-विनय)

नई दिल्ली। केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार करने की तैयारी कर रही है। सरकार एग्रीकल्चार प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) यानि मौजूद मंडियों के एकाधिकार को खत्म करने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार का मॉडल मंडी कानून, एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइवस्टॉक मार्केटिंग एक्ट यानि एपीएलएम-2017 के तहत प्राइवेट मंडियां खोलने की योजना है। इस बारे में राज्यों से बातचीत चल रही है।

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फिलहाल देश में 15 बीजेपी शासित राज्यों में इसे लागू किया जा सकता है। चूंकि कृषि बाजार पर राज्यों का अधिकार है, लिहाजा राज्य इसे अपनाने के लिए आजाद होंगे। अब तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा समेत करीब 15 राज्यों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। सरकार का दावा है कि नए कानून के लागू होने से कृषि बाजार में एपीएमसी का एकाधिकार खत्म होगा और इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए ज्यादा विकल्प मिलेंगे। सरकार का ये कदम 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में मददगार साबित हो सकती है।

अभी के एपीएमसी एक्ट से नुकसान ज्यादा

एपीएमसी एक्ट लागू इसलिए किया गया था ताकि किसान बिचौलियों के चक्कर में न पड़े और अपना उत्पाद मंडियों में लाकर लाइसेंस प्राप्त आढ़तियों के ज़रिए बेचे। लेकिन सरकार के मुताबिक मंडी व्यवस्था में किसान अतिरिक्त शोषण का शिकार होते हैं क्योंकि मंडी में तमाम तरह के भाड़ों के साथ-साथ आढ़तिए एकाधिकार दिखाकर किसान के उत्पाद की बोली बहुत कम लगाते हैं। इन सबके अलावा किसान को अपना उत्पाद बेचने के लिए भी आढ़तियों को कमीशन देना पड़ता था।

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एपीएलएम-2017 एक्ट के फायदे

  • किसानों से सीधे खरीदी जा सकेगी उपज
  • राज्य में कहीं भी किसान अपनी फसल बेच सकेंगे
  • पूरे राज्य में एकल व्यापार लाइसेंस होगा
  • टैक्स भी एक ही जगह लगेगा
  • ई-ट्रेंडिंग के जरिए उपज की बोली लगेगी
  • किसान और खरीददार, दोनों को फायदा होगा
  • बिचौलिए से मुक्ति मिलेगी।

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