अब गर्मियों में भी कर सकेंगे मूंगफली की खेती, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई किस्म
कानपुर (भाषा)। चंद्र शेखर आजाद कृषि तकनीक विश्वविद्यालय (सीएसए) के कृषि वैज्ञानिकों ने मूंगफली की एक ऐसी नई किस्म विकसित की है जिसे गर्मियों में भी उगाया जा सकता है। यहां संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त है।
सीएसए के वैज्ञानिक जितेन्द्र सिंह ने यहां कहा, ''गर्मियों में मटर, आलू और सरसों की फसल कटने के बाद मूंगफली की नई किस्म की बुवाई की जा सकती है।'' उन्होंने बताया कि गर्मियों के दौरान बोई जाने वाली मूंगफली की फसल की तीन महीने के बाद कटाई की जा सकती है। इसे मार्च में बोया जा सकता है और जून में यह तैयार हो जाएगी।'' इसके अलावा गर्मियों में पैदा की जाने वाली मूंगफली रोग रहित होगी क्योंकि वातावरण में अत्यधिक गर्मी रहने के कारण कीट इस पर हमला नहीं कर सकेगा।
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उन्होंने कहा, ''अब लोगों को सर्दी के मौसम में पैदा होने वाले मूंगफलियों को बचा कर रखने की जरुरत नहीं होगी। अब वे गर्मियों के दौरान भी ताजी मूंगफली का स्वाद ले सकेंगे।'' सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में आलू की पैदावार करने वाले क्षेत्र के रुप में जाने वाले कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद और कौशाम्बी इलाकों में इस मूंगफली की खेती की जा सकती है। इसके अलावा इसे देश के अन्य क्षेत्रों में भी उगाया जा सकेगा। सिंह ने दावा किया कि 30,000 रुपए प्रति हेक्टेयर निवेश करके एक व्यक्ति 75,000 रुपये तक कमा सकता है।
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