लो टनल पॉलीहाउस में करें बे-मौसम सब्ज़ियों की खेती, कमाएं अधिक मुनाफा

Update: 2017-12-22 17:36 GMT
लो टनल पॉलीहाउस

पॉलीहाउस में खेती करने के बारे में लगभग हर कोई जानता है, बहुत से किसान पॉलीहाउस में खेती कर रहे हैं। लेकिन बहुत कम लोग लो टनल पॉलीहाउस में खेती करने के बारे में जानते होंगे। यह खेती की एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा किसान बे-मौसम सब्जियों की खेती कर सकते हैं, जिससे वो अधिक कमाई कर सकते हैं।

''इस तकनीक के जरिए किसान बे-मौसमी सब्जियां पैदा कर सकते हैं। इसमें सब्जियां उगाने पर सर्दी-गर्मी और बीमारियों का प्रभाव न के बराबर हो जाता है जिससे पैदावार भी काफी अच्छी होती है।'' उद्यान विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने लो पॉली टनल विधि के बारे में बताया, ''बागवानी विभाग इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है और लो पॉली-टनल बनाने पर सब्सिडी दे रहा है।''

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उद्यान विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में 27937 किसानों को लो पॉली टनल विधि के लिए सब्सिड़ी दी गई थी।

उन्होंने बताया, ''इस विधि से जब किसान सब्ज़ियों की खेती करते हैं बीजों का जमाव अच्छे से हो जाता है और एक महीने पहले सब्जिया आनी शुरू हो जाती हैं। इससे किसान को सब्ज़ियों के काफी अच्छे रेट मिल जाते हैं।'' इसका लाभ यूपी के हर जिले के किसान ले सकते हैं।

पॉलीटनल तकनीक क्या हैं?

इस तकनीक में एक तरह से टनल (सुरंग) में सब्जियां पैदा की जाती हैं। लोहे के सरिये और पॉलीथिन शीट से छोटी व लंबी टनल बनाई जाती हैं। इन टनल में सब्जियों को बोने के बाद ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की जाती है। टनल की मदद से सब्जी की फसल को ज्यादा गर्मी और सर्दी से बचाया जा सकता है। मौसम फसल के अनुकूल होने के बाद टनल को हटा दिया जाता है। इस तरह से किसान पॉली-टनल में अगेती फसल पैदा कर सकते हैं।

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पॉलीटनल तकनीक से लाभ

  • पॉलीटनल तकनीक से वर्ष के किसी भी मौसम में चाहे अधिक गर्मी एवं ठंड हो उस समय भी सब्जियों की पौध सफलतापूर्वक तैयार की जा सकती है।
  • इस विधि से पौधे तैयार करने पर बीज का जमाव लगभग शत्-प्रतिषत होता है। जमाव के बाद पौधों का विकास समुचित ढंग से होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पॉलीटनल के अन्दर का तापमान बीज के जमाव एवं पौधों के बढ़वार के लिए आदर्श होता है।
  • पॉलीटनल में पौध उगाने से बीज जमाव के बाद दिन में धूप के समय पॉलीथीन को हटा देते हैं, जिससे पौधों का धूप के सम्पर्क में आने से उनका कठोरीकरण होता है ऐसे पौधों को खेत में रोपाई करने से उनकी मृत्यु दर नहीं के बराबर होती है।
  • बीज का जमाव शीघ्र होने और पौधों का समुचित बढवार से पौध तेयार करने में समय कम लगता है।
  • पॉलीटनल तकनीक से पौध उगाने पर कीटों व बीमारियों का प्रकोप भी अपेक्षाकृत कम होता है।

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