आलू बुवाई के लिए करें उन्नत किस्मों का चयन

Update: 2017-10-22 12:52 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय कुमारगंज फैजाबाद द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र पांती अंबेडकर नगर के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर रवि प्रकाश मौर्य ने आलू उत्पादन करने वाले किसानों को सलाह दी है कि आलू एक नकदी ऐसी फसल है, जिससे प्रति इकाई , क्षेत्रफल में अन्य फसलों जैसे गेहूं, धान की अपेक्षा अधिक उत्पादन मिलता है और प्रति हेक्टेयर आय भी अधिक मिलती है।

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आलू की खेती रबी मौसम में की जाती है। समान्यरूप से अच्छी खेती के लिए फसल अवधि के दौरान दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तथा रात का तापमान 4-15 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। फसल में कन्द लगभग 18 से 20 डिग्री सेल्सियस तापक्रम सर्वोत्तम होता है। कन्द बनने से पहले कुछ अधिक तापक्रम रहने पर फसल के वानस्पतिक वृद्धि अच्छी होती है, लेकिन कन्द बनने के समय अधिक तापक्रम होने पर कन्द बनना रुक जाता है। लगभग 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापक्रम होने पर आलू की फसल मे कन्द बनना बिल्कुल बंद हो जाता है।

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आलू बोने का सही समय मध्य अक्टूबर से मध्य नवम्बर है। आलू की फसल विभिन्न प्रकार की भूमि का पीएच मान 6:00 से 8:00 के मध्य हो सकती है, लेकिन बलुई दोमट तथा दोमट मिट्टी उचित जल निकास वाली उपयुक्त होती है। 40 से 50 कुन्तल गोबर की खाद प्रति बीघा प्रयोग करने से जीवांश पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, जो कन्दों की पैदावार बढ़ाने मे सहायक होती है।

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