लखनऊ। उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के करनजीत धालीवाल कप्यूटर सांइस से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद अब खेत में गन्ना उगा रहे हैं। यही नहीं करनजीत ने देश में सबसे बड़ा गन्ना उगाकर नया रिकार्ड बनाया है, जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। करनजीत गाँव कनेक्शन के पाठकों से अपनी बातें साझा कर रहे हैं।
घर में शुरु से ही खेती का माहौल था, पहले मेरे दादा और उसके बाद मेरे पापा ने खेती संभाल ली थी। मैं शुरु में ही बाहर पढ़ने चला गया, लेकिन खेती को पूरी तरह से नहीं छोड़ पाया था। पंजाब से कम्प्यूटर साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद साॅफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब भी की।
चार साल पहले पापा को लगा कि वो अकेले खेती नहीं कर पाएंगे तो उन्होंने मुझे भी बुला लिया। मुझे भी वापस गाँव आने में कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि मुझे शुरु से पता था कि मुझे भी एक न एक दिन खेती ही करनी है। गाँव वापस आने पर इंटरनेट के माध्यम से खेती की नई जानकारियां मिलती रहती हैं।
फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया भी जानकारियां मिलती रहती है। लोग एक दूसरे से अपनी जानकारियां साझा करते हैं। लोग कहते हैं कि छोटे किसानों के यहां कृषि वैज्ञानिक खेत में हमारी फसल देखने आते हैं, लोग कहते हैं कि बड़े किसानों की सुनी जाती है, जबकि हम भी छोटे किसान हैं फिर कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी मेरे खेत तक आते हैं। हमारे यहां 14 एकड़ जमीन है, लेकिन खेती से अच्छी कमाई हो जाती है।
हमारे यहां मुख्य फसल गन्ना ही है, इसीलिए गन्ने के बारे में नई जानकारियों के बारे में भी खोजते रहते हैं, इसके अलावा धान और गेहूं सिर्फ अपने खाने भर के लिए ही उगाते हैं। मैंने अपनी चार साल की मेहनत से देश में सबसे बड़ा गन्ना उगाया है, इसकी लंबाई 31 फीट है, विश्व में सबसे बड़ा गन्ना ब्राजील में उगाया गया है, दूसरे नबंर पर मेरा ही गन्ना है।
मुझे लगता है कि जब मैं ये सब कर सकता हूं तो दूसरे किसान भी कर सकते हैं, बस उन्हें खेती को ही अपना व्यवसाय समझ कर काम करना होगा। इन चार साल में मुझे सबसे अधिक खुशी तब मिली जब भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) से लेटर आया है कि मुझे वहां सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने अवार्ड फंक्शन के लिए बुलाया है। प्रोग्राम में पूरे देश से 21 लोगों को चयनित किया गया है।
हमारे यहां की चीनी मिले अब गन्ना किसानों को नकद पैसे देने के बजाय चीनी देती हैं, जिसे बेच किसानों को अच्छा फायदा हो जाता है। इससे एक बार में ही किसानों को फायदा मिल जाता है। अभी कुछ दिन पहले मुझे कृषि मंत्रालय ऑफर आया है कि मैं एक एनजीओ शुरु करके गन्ना किसानों को नई जानकारियां दूं। इसके लिए बात चल रही है, आजकल किसानों को सही जानकारी ही नहीं मिल पाती है, वो पुराने तरीके से खेती करते हैं, जबकि हम इस एनजीओ के माध्यम से उन्हें नई जानकारियां देंगे।